पटना हाईकोर्ट में जजों की कमी का मुकदमों की सुनवाई पर असर, कई दशकों से लंबित हैं दीवानी मुकदमें

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पटना हाईकोर्ट में जजों की कम संख्या होने के बावजूद वर्तमान वर्ष में हाईकोर्ट के समक्ष बड़ी संख्या में मुकदमों का निपटारा किया गया। सबसे ज्यादा जमानत तथा अन्य आपराधिक मामले दायर किये गये हैं। हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत पदों की संख्या 53 है, जिसमें 40 नियमित और 13 एडिशनल जजों का पद है, लेकिन वर्तमान समय में हाईकोर्ट में 33 नियमित जज ही कार्यरत हैं।

7 नियमित जजों के अलावा 13 एडिशनल जज यानी कुल 20 जजों के पद रिक्त हैं। जजों की कम संख्या होने के बावजूद हाई कोर्ट में लंबित केसों पर सुनवाई कर उसे निष्पादित किया जा रहा है। कई ऐसे भी जज हैं, जो कोर्ट के निर्धारित समय के दौरान एक दिन में सैकड़ों मुकदमों पर सुनवाई कर उसे निष्पादित कर रहे हैं।

बड़ी संख्या में मुकदमों के निष्पादित किये जाने के बावजूद हाई कोर्ट में केस का अंबार लगा हुआ है। पहले के दायर कई ऐसे मामले हैं, जिस पर अभी तक सुनवाई नहीं हो सकी है। सबसे ज्यादा बुरा हाल दीवानी मुकदमों का है। कई दशक पहले दायर किए गए दीवानी मामले अंतिम सुनवाई के लिए अभी भी लंबित हैं।