लोकसभा की वो सीट जहां निर्दलीय ‘दादा’ ने बीजेपी के ‘काका’ को दी पटखनी
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ रहे हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए को उम्मीद के मुताबिक कम सीटें मिलती दिख रही हैं। एनडीए को उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भारी नुकसान हो रहा है। महाराष्ट्र के एक सीट पर ‘दादा’ ने ‘काका’ को पटखनी दे दी है।
लोकसभा चुनाव 2024 के नजीजे सामने आने लगे हैं। सुबह 8 बजे वोटों की गिनती शुरू हुई थी। शुरुआती रूझानों में एनडीए बड़ी बढ़त की ओर जाती दिख रही थी, लेकिन जैसे-जैसे ईवीएम के वोटों की काउंटिंग शुरू हुई रुझानों में बड़ा बदलाव होने लगा। भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में भारी नुकसान होता दिख रहा है। वहीं, उनकी सहयोगी पार्टियां भी उम्मीद के मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं करती हुई दिख रही है।
एनडीए का आंकड़ा 290-295 सीटों के आस-पास दिखाई दे रहा है। इस रिजल्ट में एक ऐसी लोकसभा सीट है, जहां एक निर्दलीय ‘दादा’ ने बीजेपी के सीटिंग एमपी ‘काका’ को कड़ी पटखनी है। निर्दलीय दादा और बीजेपी के काका के बीच दिन के 1 बजे तक 55 हजार वोटों से ज्यादा का मार्जिन था।
सांगली सीट पर दिलचस्प मुकाबला
हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के सांगली लोकसभा सीट की, जहां निर्दलीय प्रत्याशी विशाल (दादा) प्रकाशबापू पाटिल बीजेपी के सीटिंग एमपी संजय (काका) पाटिल से लगातार आगे चल रहे हैं। इन दोनों प्रत्याशियों के बीच 55 हजार से ज्यादा वोटों का मार्जिन हो गया है। विशाल (दादा) प्रकाशबापू पाटिल को 3 लाख 16 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं, बीजेपी के संजय (काका) पाटिल को 2 लाख 60 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। संजय (काका) पाटिल 16 मई 2014 से सांगली लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सांगली सीट से विजय प्राप्त किया था।
संजय (काका) पाटिल पहले शरद पवार की एनसीपी में थे। उन्होंने फरवरी 2014 में भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन की थी। 2014 में वो मोदी की लहर में कांग्रेस के प्रतीक पाटिल को 2 लाख 38 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। वहीं, विशाल (दादा) प्रकाशबापू पाटिल की बात करें तो वो प्रतीक पाटिल के भाई हैं और इस बार सांगली से निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके दादा वसंत दादा पाटिल महाराष्ट्र के सातवें गर्वनर और छठे मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं, उनके पिता प्रकाशबापू पाटिल भी सांगली लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं।
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