पुणे पोर्श कांड में बड़ा मोड़ आया है. लग्जरी कार पोर्श से दो लोगों को टक्कर मारने वाले नाबालिग आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है.
HIGHLIGHTS
- पुणे पोर्श कांड में बड़ा मोड़
- मां-बाप पर लगे सबूत मिटाने के आरोप
- 5 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में माता-पिता
पुणे पोर्श कांड में बड़ा मोड़ आया है. लग्जरी कार पोर्श से दो लोगों को टक्कर मारने वाले नाबालिग आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. 17 वर्षीय किशोर ने कथित तैर पर पुणे पुलिस के सामने अपना आरोप कबूल करते हुए कहा कि गाड़ी चलाते समय वह बहुत नशे में था और उसे घटना पूरी तरह से याद नहीं है. पुणे की अदालत ने रविवार को 17 वर्षीय लड़के के माता-पिता को सबूत नष्ट करने के आरोप में पुलिस हिरासत में भेज दिया था. इतना ही नहीं नाबालिग के माता-पिता पर खून के सैंपल से भी छेड़छाड़ करने का आरोप है. आपको बता दें कि इस घटना को 19 मई क रात अंजाम दिया गया था. इस सड़क हादसे में दो लोगों की जान गई थी. यह एक मीडिया चैनल की रिपोर्ट में बताया गया है.
मां-बाप पर लगे सबूत मिटाने के आरोप
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. जिसके बाद पुणे पुलिस एक्शन में आई और आरोपी नाबालिग तक पहुंची. जांच में नाबालिग के माता-पिता पर सबूत मिटाने के आरोप लगे. आरोपी की मां शिवानी अग्रवाल को खून के सैंपल बदलने के आरोप में 1 जून को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को कार हादसे से जुड़े सबूत मिटाने को लेकर गिरफ्तार किया गया है. जिसके बाद पुलिस ने नाबालिग के माता-पिता को पुणे की एक अदालत में पेश किया था और उनके रिमांड के लिए अनुरोध किया.
माता-पिता 5 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में
नाबालिग आरोपी के माता-पिता 5 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दंपति एक सरकारी हॉस्पीटल गए और उन्होंने नाबालिग के खून के सैंप्लस बदले. दंपति के वकील ने बताया कि पुलिस उनके घर की तलाशी ले रही है और उनके घर से मिले सीसीटीवी फुटेज बरामद किए गए हैं. साथ ही यह भी कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 201 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, जो एक जमानती अपराध है. जिसकी वजह से दंपति को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.