दुर्गा सप्तशती और रामायण के सभी पात्र काल्पनिक हैं। 1976 में सुप्रीम कोर्ट ने जो आर्डर दिया था उसे निकाल कर देख लीजिए। यह बातें तेजस्वी यादव के विधायक फतेह बहादुर ने कही है। इसके साथ ही इन्होंने लालू को सबसे बड़ा देवता बताया है और यह तक कह डाला है कि इन्होंने ही मुहं के आवाज तक दिया है।
दरअसल, बिहार विधानसभा में आज से शीतकालीन सत्र का संचालन हो रहा है। लिहाजा इस सत्र में भाग लेने के लिए तमाम विधायक विधानसभा पहुंच रहे हैं। ऐसे में जब पिछले दिनों मां दुर्गा को लेकर विभाजित बयान देने वाले राजद के विधायक विधानसभा के पोर्टिको में नजर आए तो उन्होंने कहा कि -लाल यादव ने बिहार के गरीब दलित और पिछड़ों के मुंह में आवाज दिया। यही देवता है इनसे बड़ा देवता कोई नहीं है। शुरू से ही कहता रहा हूं कि मेरे भगवान लाल यादव ही रहे।
लालू के विधायक ने कहा कि – देवता और जनता के बीच में जो बिचोलिया है वही लोग नफरत फ़ैलाने का काम कर रहे हैं। मैं कहां किसी को पूजा करने से मना कर रहा हूं। मैं तो यह कह रहा हूं कि बिचौलिया के वजह से लोगों को अधिक खर्च हो रहा है पूजा -पाठ करने में तो इसमें गलत क्या है। इसके अलावा उन्होंने सबसे बड़ी बात यह कही है ब्राह्मण को ठेकेदारी मिली है क्या पूजा पाठ करवाने की।
इसके अलावा हमें खुद के पूजा पाठ करने के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि मैं करता हूं पूजा। मैं देवता का पूजा करता हूं। मुंबई जो देवता है मैं उनकी पूजा करता हूं। देवता का शाब्दिक अर्थ होता है जो हमें कुछ देता है माता-पिता ने हमें जन्म दिया। गुरु ने ज्ञान दिया। सावित्री बाई ने महिलाओं को सम्मान दिया। भीमराव अंबेडकर ने संवैधानिक अधिकार दिया और लाल यादव ने बिहार के गरीब दलित और पिछड़े समाज के मुंह में आवाज दिया तो मैं उनकी पूजा करता हूं वही सबसे बड़े देवता हैं।