जम्मू कश्मीर के राजौरी पूंछ के आतंकी हमले में शहीद हुए नवादा के चंदन कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार को गया एयरपोर्ट पहुंचा. वायु सेवा के विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर कानपुर से गया एयरपोर्ट लाया गया, जहां उन्हें सेना के जवानों के द्वारा गॉड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान मौके पर मौजूद लोग मां भारती की सेवा करते शहीद हुए चंदन के बलिदान की गाथा सुना रहे थे. इस बीच पूरा माहौल गमगीन था, लोगों की आंखें नम हो गयी थीं. वहीं इस दौरान मौके पर बिहार सरकार की ओर से किसी मंत्री के नहीं पहुंचने पर परिजनों में नाराजगी देखने को मिली.
शहीद चंदन के पार्थिव शरीर के गया एयरपोर्ट पहुंचते ही मौके पर मौजूद लोगों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान चंदन के गृह जिले नवादा के कई लोग भी मौके पर मौजूद थे. साथ ही जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार, लोजपा (आर) पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार उर्फ मुन्ना ने भी शहीद जवान चंदन कुमार को श्रद्धांजलि दी.
वहीं इस दौरान मौके पर बिहार सरकार की ओर से किसी मंत्री या सरकार के किसी प्रतिनिधि के नहीं पहुंचने पर परिजनों में नाराजगी देखने को मिली. शहीद चंदन कुमार के भाई व अन्य लोगों में भी नाराजगी देखी गयी. दरअसल गया एयरपोर्ट पर बिहार सरकार का कोई मंत्री, विधायक व उनके प्रतिनिधि भी शहीद को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचे थे.
ऐसे में मौके पर मौजूद लोग और शहीद के भाई पीयूष कुमार ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहां कि सरकार सिर्फ जातिगत जनगणना करती है और राजनीति में व्यस्त रहती है. वहीं जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण सिंह ने कहा कि समाज में कुछ लोग पागल हो जाते हैं. लेकिन, उन पर क्रोध नहीं दया आनी चाहिए. सरकार का वही हाल है. वहीं लोजपा (R) के राष्ट्रीय प्रवक्ता धीरेंद्र कुमार उर्फ मुन्ना ने कहा कि सरकार पूरी तरह से संवेदनहीन हो चुकी है, तभी तो सरकार की ओर से यहां कोई नहीं पहुंचा है.
नवादा जिले के वारसलीगंज के नारो मुरार गांव के रहने वाले मौलेश्वर सिंह और जयंती देवी के लाल चंदन कुमार आतंकियों से लोहा लेने के दौरान शहीद हो गए थे. सूचना के बाद पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर हुआ है.
26 वर्षीय चंदन चंदन 2017 में आर्मी में भर्ती हुए थे. वह करीब ढाई साल से जम्मू में पोस्टेड थे. चंदन गांव से ही शुरुआती पढ़ाई कर सेना में भर्ती हुए थे और 86 बटालियन इनफैंट्री में राइफल मैन के पद पर तैनात थे. गुरुवार को राजौरी में हुए आतंकी हमले में उन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.
चंदन के ऊपर घर की बड़ी जिम्मेदारी थी. घर को संभालने में उनका महत्वपूर्ण योगदान था. गरीब परिवार से आने वाले चंदन का मकान आज भी अधूरा ही बना हुआ है. चंदन की शहादत की खबर पाकर उनकी पत्नी शिल्पी कुमारी अपने होश खो बैठी है. चंदन और शिल्पी की शादी महज डेढ़ साल पूर्व ही हुई थी.
बड़े भाई जीवन कुमार और छोटे भाई अभिनंदन को आज भी विश्वास नहीं हो रहा है कि उनका भाई अब इस दुनिया में नहीं है. लेकिन, भाई की शहादत पर सभी का सीना फक्र से चौड़ा हो गया है.
नवादा के चंदन कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार को गया एयरपोर्ट पहुंचा. वायु सेवा के विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर कानपुर से गया एयरपोर्ट लाया गया, जहां उन्हें सेना के जवानों के द्वारा गॉड ऑफ ऑनर दिया गया.