जीवन है तो संघर्ष भी है और संघर्षपूर्ण जीवन में कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद, जो लोग हार नहीं मानते, उन्हें कामयाबी जरूर मिलती है. ऐसी ही एक कहानी गगन की भी है. गगन अलीगढ़ के रहने वाले हैं और मजदूरी करते हैं. मजदूरी से रोजाना 350 रुपये की कमाई हो जाती है, लेकिन गगन का ये लक्ष्य नहीं है. उन्हें आईआईटी से शिक्षा लेकर अपना और अपने मां-पापा का नाम रौशन करना है. गगन ने दिहाड़ी मजदूर करते हुए ही JEE एडवांस्ड 2024 परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक पाकर ये साबित कर दिया कि अगर कोशिश सच्चे मन हो तो वो कभी बेकार नहीं जाती. गगन अब IIT BHU में इलेक्ट्रिकल और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करेंगे।
मिला ऑल इंडिया रैंक :
गगन अलीगढ़ के छोटे से शहर अतरौली का रहने वाले हैं. उन्होंने ऑल इंडिया रैंक (AIR) 5286 प्राप्त किया है. उनके पिता गैस एजेंसी के गोदाम में काम करते हैं. गगन और उसका बडा भाई भी पिता के साथ इसी गोदाम में काम करता है. दोनों को काम गैस सिलेंडर उठाना है और इसके लिए उन्हें प्रति व्यक्ति 350 रुपये की दिहाडी मिलती है।
दिन में काम, रात में पढाई
गगन किसी भी हाल में IIT में एडमिशन चाहता था. लेकिन उसके लिए ये इतना आसान नहीं था. दिन में काम करने के दौरान गगन को पढने का वक्त नहीं मिलता था. इसलिए उसने रात में पढाई शुरू कर दी. गगन ने पढाई के लिए मोबाइल की मदद ली. गगन की कड़ी मेहनत को देखकर अलख पांडेय ने उन्हें चार लाख रुपये की स्कॉलरशिप ऑफर की है।
यही नहीं अलख पांडेय ने गगन के बडे भाई को Physics Wallah में नौकरी देने की बात भी कही है. उन्होंने कहा कि अब इन्हें मजदूरी करने की जरूरत नहीं है।