रामविलास पासवान के नाम वाले शिलापट का हो रहा था गलत इस्तेमाल

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हाजीपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रामविलास पासवान के अपमान का मामला सामने आया है। यहां एक शिक्षण संस्थान में रामविलास पासवान के नाम वाले शिलापट से गटर को ढंका जा रहा था। सोशल मीडिया पर तस्वीरे सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भड़क गए हैं और सोशल मीडिया एक्स पर तस्वीरों को शेयर करते हुए भारी नाराजगी जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि गलती करने वालो को माफ़ नहीं किया जाएगा।

दरअसल, हाजीपुर रामविलास पासवान और पासवान परिवार की परम्परागत सीट रही है। एक-दो बार नहीं बल्कि रामविलास पासवान इस सीट से 1977 से लेकर लगातार 8 बार सांसद रहे। इस दौरान रामविलास पासवान लगातार केंद्र में मंत्री बने और हाजीपुर के विकास के लिए हर संभव कोशिश करते रहे। रामविलास पासवान ने हाजीपुर में रेलवे जोन, नाइपर, होटल मनेजमेंट के साथ पेट्रोकेमिकल इंस्टीटूट (CIPET )  जैसे रास्ट्रीय संस्थान को स्थापित कराने में अहम भूमिका निभाई। हाजीपुर में संस्थाओ को आज भी रामविलास पासवान के अहम योगदान के तौर पर देखा जाता है।

इन सबके बीच हाजीपुर से एक तस्वीर वायरल हुई जिससे बवाल मच गया। तस्वीर रामविलास पासवान के नेमप्लेट वाले शिलापट की थी, जो हाजीपुर के नामी संस्थान CIPET की थी। CIPET के अंदर खुले मैदान में रामविलास पासवान के नाम वाले नेमप्लेट वाले शिलापट से गटर को ढक रखा गया था। तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुईं और चिराग पासवान तक भी पहुंची।

पिता के अपमान वाली इन तस्वीरों पर चिराग भड़क गए और अपने सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कर दिया। चिराग ने जिला प्रशासन और संस्थान के अधिकारियों को हड़काते हुए तुरंत नेमप्लेट को सम्मानजनक जगह पर स्थापित करने का फरमान दे दिया। फिर क्या था चिराग के गुस्से को देख संस्थान और अधिकारी हरकत में आये और आनन फानन में शिलापट्ट को चकाचक चमका कर संस्था की दीवार पर लगवा दिया गया।

चिराग ने एक्स पर लिखा, “मीडिया और पत्रकार साथियों के माध्यम से यह सूचना प्राप्त हुई कि हाजीपुर में मेरे नेता, मेरे पिता के नाम की नेमप्लेट का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस विषय के संज्ञान में आने के बाद मैंने तुरंत कार्रवाई के लिए स्थानीय जिला प्रशासन और सिपेट (CIPET) संस्थान के अधिकारियों से बात की। मैंने निर्देश दिया कि नेमप्लेट को पुनः सम्मानजनक स्थान पर लगाया जाए और ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। मेरे नेता का अपमान किसी भी स्थिति में मुझे कतई बर्दाश्त नहीं है, और इस घटना में जो भी दोषी होगा, उस पर हर हाल में कार्रवाई की जाएगी”।