‘शराबबंदी की आड़ में गरीबों को सताया जा रहा है’, जीतन राम मांझी ने फिर से नीतीश सरकार को दिखाया आइना
बिहार में एक अप्रैल 2016 से शराबबंदी कानून लागू है. वैसे तो विपक्ष हमेशा शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े करता रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहले भी शराबबंदी पर प्रश्न चिह्न लगाए हैं. एक बार फिर से उन्होंने शराबबंदी कानून पर बड़ा बयान दे डाला है, जिससे सियासी भूचाल मचना तय है।
शराबबंदी पर मांझी का सवाल : दअरसल, शराबबंदी को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व केन्द्र में MSME मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को सताया जा रहा है. शराबबंदी के चलते विषैला शराब का निर्माण अधिक हो रहा है. सरकार ने शराबबंदी की जब तीसरी बार समीक्षा की, तो यह निर्णय लिया गया कि पीने के लिए अगर कोई शराब लेकर जा रहा है, तो उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. लेकिन फिर भी गिरफ्तारी हो रही है।
”मैं शराबबंदी के खिलाफ नहीं हूं. शराब पीनी गलत बात है. पर इसके आड़ में जो कुछ हो रहा है वह सही नहीं है. जहरीली शराब बन रही है. ऊंचे दामों पर लोग शराब लेकर पी रहे हैं. शराबबंदी को सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है.”- जीतन राम मांझी, केन्द्रीय मंत्री
कानून की विकृतियों को दूर करना जरूरी : रोहतास में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांझी ने कहा कि, ”कानून बना है, लेकिन कानून को सही तरीके से धरातल पर नहीं उतारा जा रहा है. शराबबंदी कानून में जो विकृतियों हैं, उसे दूर करना जरूरी है. शराब बनाने की एक प्रक्रिया है, जिसमें हफ्ते लग जाते हैं, लेकिन धंधेबाज मात्र 1 घंटे में शराब बना रहे हैं. ऐसे में वह शराब ज्यादा नुकसानदायक है. जो खासकर गरीबों के जीवन को बर्बाद कर रही हैं.”
सरोज पासवान के परिवार से मिले मांझी : बता दें कि केन्द्रीय मंत्री जीतनराम मांझी सासाराम पहुंचे हुए थे. दअसर पिछले महीने 31 अगस्त को लोग जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कार्यकर्ता सरोज पासवान की हत्या कर दी गई थी. ऐसे में मृतक के परिजनों से केन्द्रीय मंत्री मिलने पहुंचे थे. परिवार वालों को ढांढस बंधाया।
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