पूर्वी बिहार की लाइफ लाइन विक्रमशिला सेतु के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। क्षमता से अधिक भारी वाहनों के परिचालन और पुल पर आए दिन जाम लगने से इसके एक्सपेंशन ज्वाइंट का गैप पांच से छह इंच तक बढ़ गया है।
इसके कारण सेतु के पोल संख्या 89, 113, 125, 141, 148, 128 सहित 12-13 जगहों पर गैप से गंगा दिखाई देने लगी है। पुल की बियरिंग के भी खराब होने की आशंका जताई जा रही है।
इसकी वजह से भारी वाहनों के गुजरने से पुल पर अत्यधिक कंपन महसूस होने लगता है। जो अच्छा संकेत नहीं है। रखरखाव के अभाव में सेतु की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं।
रेलिंग भी हो क्षतिग्रस्त हो गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनएच भागलपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता वृजनंदन कुमार ने मुख्य अभियंता को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया है। मुख्य अभियंता ने भी बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को पत्र लिख विशेषज्ञों से जांच कराने का आग्रह किया है।
जरूरी फैक्ट्स
- पुल पर भारी वाहनों के गुजरने से होने लगा है अत्यधिक कंपन
- गैप बढ़ने से ज्वाइंट के बीच से दिखाई देने लगी है गंगा नदी
- सड़क पर बन गए हैं बड़े-बड़े गड्ढे, पुल का रेलिंग भी हो चुका है क्षतिग्रस्त
- एनएच भागलपुर प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने मुख्य अभियंता को कराया अवगत
- 24 साल पूर्व इस पुल पर शुरू हुआ था वाहनों का परिचालन
- 2016-17 में 15 करोड़ की लागत से कराया गया था दुरुस्तीकरण कार्य
कहां-कहां बढ़ा है एक्सपेंशन ज्वाइंट का गैप
पोल संख्या 89, 113, 125, 141, 148, 128 सहित 12-13 जगहों पर एक्सपेंशन ज्वाइंट का गैप ज्यादा बढ़ गया है।
हवा-हवाई साबित हुए अभियंताओं के दावे
2016-17 में 15 करोड़ की लागत से मुंबई की एक एजेंसी से पुल के दुरुस्तीकरण का कार्य कराया गया था। यह काम पुल निर्माण निगम, खगड़िया की देखरेख में हुआ था। एक्सपेंशन ज्वाइंट, बियरिंग बदलने के साथ-साथ खोद कर नए सिरे से सेतु सड़क का निर्माण कराया गया था। सड़क पर मास्टिक बिछाई गई थी।