बीते दो वर्षों में अरहर दाल सबसे ज्यादा मंहगी हुई है, जिसका औसत बिक्री मूल्य करीब 65 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गया है। मूंग, उड़द की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। वहीं, चना दाल पर सबसे कम करीब 10 रुपये बढ़े हैं।
इस दौरान मसूर दाल की कीमतों में कमी भी दर्ज की गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त में खाद्य वस्तुओं की महंगाई का आकलन किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दालों के साथ ही चावल के बिक्री मूल्य में करीब आठ रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर का इजाफा हुआ है। बीते वर्ष से तुलना की जाए तो जुलाई में इसमें करीब 8.1 प्रतिशत की तेजी आई। इसलिए सरकार ने खुले बाजार में 2325 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं और 2800 रुपये प्रति क्विंटल चावल बेचने को मंजूरी दी।
खरीफ विपणन सीजन 2023-24 में 524 लाख टन चावल खरीदा गया, जो बीते सीजन के मुकाबले आठ फीसदी कम था लेकिन जुलाई तक चावल का स्टॉक 473 लाख टन था, जो बीते वर्ष की तुलना में 21 फीसदी अधिक था।
गेहूं का भी 276 लाख टन का स्टॉक उपलब्ध था लेकिन मांग के अनुरूप दालों की उपलब्धता सीमित होने की वजह से उनकी कीमतों पर असर देखा जा सकता है। देश में चना उत्पादन अच्छा रहा है, जिसकी वजह से उसकी कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आई हैं। बाकी अगस्त 2022 की तुलना में अगस्त 2024 तक दालों की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है।
दालों की कीमतों में दो वर्ष में आया अंतर
दालें अगस्त अगस्त
2022 2024
अरहर 105 170
उड़द 105 115
मूंग दाल 98 110
मसूर दाल 96 90
अनाज की कीमतों में दो वर्ष में आया अंतर
चावल 36 44
गेंहू 29 32
● नोट औसत बिक्री मूल्य, प्रति किलोग्राम में