प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत भारत में गांवों में बड़े स्तर पर एलपीजी सिलेंडर दिए जाने के कारण लकड़ी और कोयले के चूल्हों से होने वाले प्रदूषण में कमी आई है और इससे सालाना करीब 1.5 लाख जीवन को बचाने में मदद मिल रही है। वैश्विक स्वास्थ्य संस्था वाइटल स्ट्रेटेजीज की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में जोर देकर कहा गया गया है कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी पर दी जा रही सब्सिडी नागरिकों के स्वास्थ्य को देखते हुए बिल्कुल उचित है, क्योंकि चूल्हों से घरों के अंदर और बाहर वायु प्रदूषण होता है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि घरों में होने वाला वायु प्रदूषण भारत में होने वाले वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में से एक है। इससे ग्रामीण लोगों की सेहत पर तो असर पड़ता ही है, शहरी इलाकों में वायु की गुणवत्ता भी खराब होती है।
एलपीजी जैसी स्वच्छ ऊर्जा के घरों में इस्तेमाल से घरों में वायु प्रदूषण कम होगा और पब्लिक हेल्थ में सुधार होगा।
रिपोर्ट में कहा गया, “पीएमयूवाई प्रोग्राम सरकार का गरीब परिवारों तक स्वच्छ ऊर्जा पहुंचाने का एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है। इससे गरीब परिवार तक एलपीजी पहुंचाने में अभूतपूर्व सफलता मिली है।”
स्टडी में कहा गया कि सरकार की योजना के कारण जनता को 37 लाख “हेल्दी इयर्स” का फायदा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया कि एलपीजी के अधिक उपयोग के कारण प्रदूषण स्तर में कमी आई है, जो तेलंगाना में 4 प्रतिशत से लेकर बिहार में 28 प्रतिशत तक है।
इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने लोकसभा में बताया था कि पीएमयूवाई के तहत 10.33 करोड़ (1 अगस्त, 2024 तक) डिपॉजिट -फ्री एलपीजी कनेक्शन बांटे जा चुके हैं।