सहारा के निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपये लौटाने की प्रक्रिया शुरू हुई, इतने दिनों में लौटाया जाएगा पैसा
केंद्र सरकार ने सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में निवेश कर फंस चुके निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपये लौटाने की प्रक्रिया मंगलवार को एक समर्पित पोर्टल जारी करने के साथ शुरू कर दी। सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यहां एक कार्यक्रम में ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ की शुरुआत की। इस पोर्टल के जरिये सहारा समूह की सहकारी समितियों के पास जमा करोड़ों लोगों की मेहनत की कमाई को लगभग 45 दिन में लौटाने की प्रक्रिया चलाई जाएगी। सरकार ने 29 मार्च को कहा था कि सहारा की इन सहकारी समितियों के 10 करोड़ निवेशकों को नौ महीने के भीतर उनका पैसा लौटा दिया जाएगा।
सभी निवेशकों का पैसा लौटाया जाएगा
सरकार ने यह घोषणा उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के बाद की थी जिसमें सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5,000 करोड़ रुपये ‘सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक’ (सीआरसीएस) को हस्तांतरित करने को कहा गया था। शाह ने इस पोर्टल के उद्घाटन को एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा, ‘‘निवेशकों को 5,000 करोड़ रुपये लौटाने की प्रक्रिया आज परीक्षण आधार पर पारदर्शी ढंग से शुरू हो रही है। यह सहारा समूह के जमाकर्ताओं के पैसे लौटाने की शुरुआत है।’’ उन्होंने कहा कि 5,000 करोड़ लौटाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद उच्चतम न्यायालय में एक और अपील कर बाकी निवेशकों के भी पैसे लौटाने के लिए गुहार लगाई जाएगी।
पोर्टल से एक करोड़ निवेशकों को फायदा होगा
उन्होंने कहा, ‘‘इस पोर्टल से शुरुआती दौर में करीब एक करोड़ निवेशकों को फायदा होगा। रिफंड प्रक्रिया शुरू होने से छोटे निवेशकों का भरोसा जगाने में मदद मिलेगी।’’ शाह ने रिफंड प्रक्रिया का ब्योरा देते हुए कहा कि एक करोड़ जमाकर्ताओं को शुरुआत में 10,000 रुपये तक का रिफंड मिलेगा जिन्होंने 10,000 रुपये या उससे अधिक राशि का निवेश किया था। शाह ने कहा कि रिफंड पाने के लिए मोबाइल के साथ आधार पंजीकरण और बैंक खाते से आधार को जोड़ना जरूरी है। इस पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए साझा सेवा केंद्र जमाकर्ताओं की मदद करेंगे। उन्होंने सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि अब उनका धन कोई नहीं रोक सकता है और पोर्टल पर पंजीकरण कराने के 45 दिन में उन्हें रिफंड मिल जाएगा।
वैध दावे जमा करने के लिए विकसित किया गया
यह पोर्टल सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं की तरफ से वैध दावे जमा करने के लिए विकसित किया गया है। इन सहकारी समितियों के नाम सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड हैं। सहारा समूह की इन सहकारी समितियों के पास पैसे जमा करने वाले निवेशकों को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर की थी। जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इनके दावों की भरपाई के लिए 5,000 करोड़ रुपये सीआरसीएस को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था।
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