चुनाव से ठीक पहले पाला पदलने वाले नेताओं को इस बार झारखंड की जनता ने सबक सिखाया है। झामुमो से भाजपा में गई गीता और सीता हार गई। इसी तरह भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुये जेपी पटेल चुनाव हार गये। ऐसा कर जनता ने एक मैसेज यह दिया कि उन्हें ऐसे नेता पसंद नहीं। जनता ने इन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया।
सिंहभूम की पूर्व सांसद गीता कोड़ा और सीता सोरेन भाजपा में शामिल होने के बाद भी चुनाव हार गई। शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा से तीन बार विधायक रही सीता सोरेन ने चुनाव से पहले झामुमो छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। 2019 के विजयी उम्मीदवार सुनील सोरेन का टिकट काट कर उन्हें भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया था।
झामुमो ने अपने पुराने वफादार नलिन सोरेन पर भरोसा जताया। उन्होंने सीता सोरेन को 22,527 वोटों से हराया। पूर्व CM मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गई। उन्हें सिंहभूम से टिकट भी मिल गया। सादगी की मूरत मानी जाने वाली जोबा मांझी ने गीता को हराया।