Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

सिपाही की नौकरी के लिए दौड़ साबित हुई जिंदगी की आखिरी दौड़, जमुई के गोविंद की हुई झारखंड में मौत

GridArt 20240904 094204248

जमुईः वो झारखंड तो गया था अपना भविष्य संवारने, सिपाही की नौकरी पाकर वो अपने परिवार को खुशियां देना चाहता था लेकिन कुप्रबंधन और अव्यवस्था ने उसकी जान ले ली और इसके साथ ही एक परिवार को दे दिया जिंदगी भर का दर्द. जी हां, जमुई के गोविंद कुमार की झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए हुई दौड़ के दौरान मौत हो गयी।

जीवन की आखिरी दौड़ः गोविंद कुमार जमुई जिले के गिद्धौर थाना इलाके के गंगरा गांव के रहनेवाले अजय सिंह का पुत्र था. गोविंद झारखंड के गिरिडीह में आयोजित उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में दौड़ने के लिए गया हुआ था. लेकिन उसकी वो दौड़ जिंदगी की आखिरी दौड़ बन गयी. दौड़ने के दौरान गोविंद की तबीयत बिगड़ी.जिसके बाद उसे गिरिडीह के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद उसे धनबाद रेफर किया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच स्की।

सरकारी अव्यवस्था ने छीन लीं परिवार की खुशियांः मृतक गोविंद कुमार के पिता अजय कुमार सिंह पुत्र की मौत के बाद गहरे सदमे में हैं और सरकारी व्यवस्था को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. अजय सिंह का कहना है कि अगर कड़ी धूप में दौड़ नहीं करवाई होती तो मेरा बेटा आज मेरे घर में होता. मृतक के परिजनों ने झारखंड सरकार से मुआवजे की भी मांग की।

लचर व्यवस्था के कारण ये सब हुआ. ऐसी स्थिति में किसी की भी तबीयत खराब हो सकती थी. सिर्फ गोविंद ही नहीं दौड़ में शामिल कई अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ गयी और कई लोगों की मौत भी हो गयी.”-अजय कुमार सिंह, मृतक गोविंद के पिता

11 अभ्यर्थियों की हुई मौत

बता दें कि झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती दौड़ के दौरान अलग-अलग जगहों पर कुल 11 अभ्यर्थियों की मौत हो गयी, जबकि 100 से ज्यादा अभ्यर्थियों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस घटना के बाद भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गये हैं।