मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ‘प्रगति यात्रा’ के दौरान की गई घोषणा के आलोक में सारण तटबंध के किमी 80.00 (वैकुण्ठपुर प्रखंड के आशा-खैरा ग्राम के समीप) से किमी 152.00 (कुचायकोट प्रखंड के अमवा-विजयपुर ग्राम के समीप) के बीच तथा संलग्न छरकियों पर उच्चीकरण, सुदृढीकरण, सुरक्षात्मक कार्य तथा शीर्ष पर कालीकरण कार्य (सड़क निर्माण) की जल संसाधन विभाग की योजना के लिए प्राक्कलित राशि 351.51 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति शुक्रवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मिल गई है।
तटबंध को मिलेगी सुदृढता
बता दें कि, गंडक नदी के दायें किनारे पर स्थित सारण तटबंध गोपालगंज जिला को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान करता है। सारण तटबंध का उक्त भाग और इससे जुड़े विभिन्न छरकी बाढ़ एवं कटाव की दृष्टि से अतिसंवेदनशील हैं। विभाग द्वारा प्रस्तावित उच्चीकरण, सुदृढीकरण एवं पक्कीकरण कार्य से तटबंध को सुदृढता मिलेगी, जिससे बाढ़ अवधि में गंडक नदी में अत्यधिक जलस्राव की स्थिति में भी कटाव/ टूटान से सुरक्षा मिल सकेगी। साथ ही प्रस्तावित भाग में अवस्थित अतिसंवेदनशील छरकियों पर बाढ़ अवधि के दौरान बेहतर पर्यवेक्षण हो सकेगा और बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों की ढुलाई शीघ्र एवं सुगमता से हो सकेगी।
स्थानीय निवासियों को मिलेगा आवागमन का वैकल्पिक मार्ग
इस योजना के कार्यान्वयन से गोपालगंज जिले के गोपालगंज, बरौली, सिधवलिया, कुचायकोट, बैकुण्ठपुर, मांझा प्रखंड की बड़ी आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी। साथ ही तटबंध पर सड़क का निर्माण होने से स्थानीय निवासियों को आवागमन का वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। यातायात सुगमता से क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को बल मिलेगा।इस प्रकार यह योजना लाभप्रद एवं जनोपयोगी होगी। जल संसाधन विभाग इस योजना को पूर्ण गुणवत्ता के साथ समयसीमा के भीतर पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध है।