रौनक केडिया की हत्या के बाद अभियुक्त आलोक राज उर्फ दिलखुश ने अमित मंडल से बात की थी। इसको लेकर जोगसर थाना क्षेत्र के ऊपर टोला ग्वालटोली के रहने वाले रोहित कुमार ने पुलिस को बयान दिया है।
सुल्तानगंज में कांवर बनाने का काम करने वाले रोहित ने पुलिस को बताया है कि सात अगस्त की रात 12 बजे दिलखुश उसकी दुकान पर आया और बोला कि उसका मोबाइल खो गया है, तुम अपना मोबाइल दो। उसकी बात पर रोहित ने दिलखुश को अपना मोबाइल दे दिया। उसके मोबाइल से दिलखुश ने कॉल किया और कहा कि, अमित, काम हो गया। तुम मिलो। दिलखुश ने रोहित को मोबाइल दिया और चला गया। रोहित का कहना है कि जब उसने मोबाइल देखा तो उसमें उस नंबर को डिलीट कर दिया गया था जिसपर दिलखुश ने बात की थी।
रोहित का कहना है कि बाद में पुलिस ने उसे उठाया और पूछताछ की तो पता चला कि अमित और दिलखुश ने मिलकर रौनक केडिया की हत्या कर दी। रौनक हत्याकांड में पुलिस ने रोहित को सरकारी गवाह बनाया है। साजिशकर्ता और शूटर सहित तीन अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार किया जिसके बाद उन्हें जेल भेजा जा चुका है। लेकिन मृतक के पिता बलराम केडिया पुलिस के उद्भेदन से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि अमित मंडल के पिता से कर्ज लिए आठ लाख रुपये ब्याज सहित लौटा दिया था फिर मेरे बेटे की हत्या क्यों कर दी गई। उन्होंने मांग की है कि गिरफ्तार अभियुक्तों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाए ताकि पता चल सके कि उन्होंने पुलिस को जो बयान दिया है वह सच है या नहीं। उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।