बिहार के कई जिलों में गुरुवार को बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही तथा ज्यादातर स्थानों पर नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। अधिकारियों के मुताबिक, इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी घाट पर गंगा के जलस्तर का निरीक्षण किया, जहां पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया है।
नीतीश कुमार के निरीक्षण के दौरान बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी गांधी घाट पर मौजूद थे। कुछ दिनों पहले तक गांधी घाट पर गंगा नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था। हालांकि, पटना के हाथीदह घाट पर गंगा अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। गंगा नदी के किनारे बसे बिहार के 12 जिलों- बक्सर, भोजपुर, सारण, वैशाली, पटना, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिगहार में इस साल आयी बाढ़ से करीब 25 लाख की आबादी प्रभावित हुई तथा पांच लोगों की जान गई है।
राज्य जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) द्वारा गुरुवार को जारी नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, “कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा और गंगा सहित राज्य की अधिकांश नदियों का जलस्तर विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है। जल संसाधन विभाग अलर्ट पर है और संवेदनशील स्थलों पर आवश्यकतानुसार बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जा रहे हैं।” बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानन्दा एवं अन्य नदियों में आई बाढ़ के कारण 18 जिलों पूर्वी चंपारन, पश्चिमी चंपारन, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, गोपालगंज, सारण एवं खगड़िया में लगभग 16.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।