पटना: बिहार में पटना में सरस मेले में लगा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का स्टॉल मेला घूमने आए लोगों के बीच आकर्षण का प्रमुख केन्द्र बना रहा। सरस मेला के दौरान 12 दिसंबर से 26 दिसंबर तक विभाग के स्टॉल पर लगातार लंबी-लंबी कतारें लगीं। यहां आए लोगों ने मुख्य रूप से अपने गांव-जवार के राजस्व नक्शों की खरीद की तथा अपनों को देने के लिए तोहफे के रूप में भी इसे क्रय किया। मेला के दौरान 3018 लोगों ने काउंटर पर आकर 8505 शीट्स यानी नक्शों की खरीद की और भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय को 1275750.00 रूपयों का भुगतान किया। विभाग के स्टॉल पर पूरे राज्य के डिजिटाइज्ड नक्शों के अलावे विभाग की ऑनलाइन सेवाएं भी उपलब्ध कराई गई थीं जहां मामूली शुल्क लेकर इन सेवाओं के लिए आवेदन दिया जा सकता था। इससे पूर्व गांधी मैदान में ही लगे पुस्तक मेले में भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अपना स्टॉल लगाया था। साथ ही सोनपुर मेले में भी लगा विभागीय स्टॉल इन राजस्व नक्शों के कारण आम लागों के बीच खूब लोकप्रिय हुआ था। 19 नवंबर से 14 दिसंबर तक चले सोनपुर मेले में कुल 5396 रैयत राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्टॉल पर राजस्व नक्शों के लिए पहुंचे। कुल 12681 नक्शों की खरीद की गई, जिससे निदेशालय को कुल 1902150.00 रूपयों की प्राप्ति हुई। गांधी मैदान में ही लगे पुस्तक मेले में जो 17 दिसंबर तक चला में कुल 1369 ने 3947 नक्शों की खरीद की।
विभाग के काउंटर पर सीएस, आरएस, चकबंदी एवं म्युनिसिपल सर्वे नक्शा उपलब्ध किया गया था। इन नक्शों को 150 रूपये प्रति शीट का भुगतान करके प्राप्त किया जा सकता था। छोटे गांव का नक्शा एक शीट में जबकि बड़े गांव का नक्शा एक से अधिक शीट में उपलब्ध था। राजस्व नक्शों को ए शून्य आकार के बड़े पेपर पर प्रिंट किया जाता है। इसमें प्लॉट का आकार ऑन स्केल होता है। इसकी मदद से रैयत अपनी जमीन की मापी करा सकता है। इसलिए इस नक्शे की बहुत मांग होती है।राजस्व नक्शे ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं। इसे भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की वेबसाइट पर जाकर और डोर स्टेप डिलीवरी ऑफ रेभेन्य मैप बटन को क्लिक कर वहां दिए गए निदेशों का पालन कर घर बैठे प्राप्त किया जा सकता है।