केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने सोमवार को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों पर नजर रखने और उनके नमूनों की जांच कराने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी संदिग्ध मामलों की स्क्रीनिंग की जाए तथा संदिग्ध एवं पुष्ट दोनों तरह के मरीजों को अस्पतालों में आईसोलेशन में रखा जाए।
देश में मंकीपॉक्स का अभी तक कोई मामला नहीं आया है जबकि एक संदिग्ध मरीज के नमूनों की जांच हो रही है। चंद्रा ने पत्र में कहा कि राज्य लोगों के बीच अनावश्यक रूप से डर फैलने को भी रोकें। उन्होंने सतर्कता बरतने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, भारत में मौजूदा प्रकोप में एमपॉक्स का एक भी नया मामला सामने नहीं आया है और संदिग्ध मामलों में एक भी नमूना पॉजिटिव नहीं मिला है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है। स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि विशेष रूप से स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा हो। अस्पतालों में आईसोलेशन सुविधाओं की पहचान की जाए और ऐसी सुविधाओं पर आवश्यक रसद एवं प्रशिक्षित मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
नजदीकी संपर्क से संक्रमण फैलाचंद्रा ने पत्र में डब्ल्यूएचओ से मिली जानकारी का ब्योरा देते हुए कहा कि कांगो के बाद मंकीपॉक्स के मामले बुरुंडी, रवांडा, केन्या तथा उगांडा में बढ़ रहे हैं। संक्रमितों की औसत आयु 34 साल दर्ज की गई है। यानी ज्यादातर रोगी 18-44 साल के हैं। ज्यादातर मामलों में पाया गया कि संक्रमण यौन संबंधों और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नजदीकी संपर्क में आने से हुआ। प्रुमख लक्षणों में शरीर पर चकत्ते पड़ना और बुखार है।