जल संसाधन मंत्री संजय झा ने वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज का निरीक्षण किया। कहा कि राज्य के सभी बराजों और डैम की उम्र और स्वास्थ्य की जांच होगी। उन्होंने कहा कि अधिकांश बराजों की आयु 65 वर्ष से अधिक की हो चुकी है। इसकी औसत उम्र 50 साल होती है। इसकी समय-समय पर देखभाल की जा रही है। राज्य में तीन बराज-इंद्रपुरी, वाल्मीकिनगर और वीरपुर हैं।
हाल के दिनों में अगुवानी घाट में हुई दुर्घटना के बाद यह दूसरा मौका है जब बराजों की स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया है। मंत्री ने कहा कि हालांकि ये सभी बराज मजबूत स्थिति में हैं। समय-समय पर इनकी देखभाल और मरम्मत की जाती है। मंत्री के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय टीम नेपाल क्षेत्र में नवल परासी स्थित गंडक कैनाल का निरीक्षण किया।
वहां बिहार सरकार द्वारा गंडक कैनाल के खोला नाला में मिट्टी सफाई का कार्य कराया गया है। इससे गंडक में पानी की अधिकता होने पर उसे नियंत्रित किया जाता है। गंडक बराज की कुल लंबाई 739 मीटर है और इसमें 52 गेट हैं। साथ ही, 16 हेड रेगुलेटर गेट हैं। पश्चिम चंपारण, सीवान व गोपालगंज जिला से होकर यह गुजरता है। गंडक बराज की क्षमता आठ लाख क्यूसेक की है। इसमें से अब तक अधिकतम साढ़े छह लाख क्यूसेक जलस्राव हो चुका है। इस तरह गंडक बराज पूरी तरह सुरक्षित है।
नेपाल का पानी बाढ़ का कारण मंत्री
झा ने कहा कि बिहार में बाढ़ का मुख्य कारण नेपाल से निकलने वाली नदियों से आने वाला पानी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कैनाल से जुड़ी मिट्टी की कटाई का कार्य बेहतर तरीके से कराया जाए। इसके लिए बार-बार नेपाल के द्वारा मांग की जाती रही है। वाल्मीकि नगर बराज के निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, बेतिया के जिलाधिकारी दिनेश कुमार सहित विभाग के अधिकारी व इंजीनियर शामिल थे।