पिछले कुछ महीनों से देश के अलग-अलग हिस्सों से आवारा कुत्तों के आतंक की दिल दहलाने वाली खबरें सामने आती रही हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के आगरा में 8 साल की एक लड़की को 2 हफ्ते पहले आवारा कुत्ते ने काट लिया था और शनिवार को उसकी मौत हो गई। एक अधिकारी ने मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि लड़की की मां ने ‘एंटी-रेबीज वैक्सीन’ लगवाने के बजाय कथित तौर पर घरेलू इलाज का इस्तेमाल किया था। बाह ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के प्रमुख डॉ. जितेंद्र वर्मा ने बताया कि लड़की को अंतिम क्षणों में स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था।
‘10-15 दिन पहले आवारा कुत्ते ने काटा था’
डॉ. वर्मा ने बताया कि लड़की की हालत को देखते हुए परिवार को उसके इलाज के लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दी गई थी, जिसे उन्होंने नजरअंदाज किया। उन्होंने बताया कि हालत बिगड़ने पर एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाते समय लड़की की रास्ते में मौत हो गई। वर्मा ने बताया, ‘लड़की को करीब 10 से 15 दिन पहले एक आवारा कुत्तों ने काटा था। उसने घटना के बारे में अपनी मां के अलावा अपने परिवार में किसी को नहीं बताया। उसकी मां ने घरेलू उपचार किया लेकिन जब लड़की की हालत बिगड़ गई तो वह उसे शनिवार को स्वास्थ्य केंद्र पर ले आईं।’
‘लड़की के पिता मजदूर हैं, और मां गृहिणी हैं’
डॉ. वर्मा ने बताया कि लड़की बाह ब्लॉक के चौसंगी गांव की रहने वाली थी। उसके पिता धर्मेंद्र सिंह एक मजदूर हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। उन्होंने बताया, ‘कुत्ते के काटने के बाद एंटी-रेबीज वैक्सीन या ARV की पहली खुराक पीड़ित को 24 घंटे के भीतर दी जानी चाहिए। उसके बाद तीसरे दिन और फिर सातवें दिन एआरवी वैक्सीन लगवानी चाहिए। अंतिम खुराक 28वें दिन दी जानी चाहिए।’ बता दें कि हाल ही में आवारा कुत्तों के हमले से बचने में वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई को चोट लग गई थी, और बाद में ब्रेन हेमरेज के कारण उनकी मौत हो गई।