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भाजपा जिन बातों के लिए 3 दशक से संघर्ष कर रही थी, वो 100% सच निकली, BJP बोली- लग गई मुहर, जानें क्या है मामला…

ByLuv Kush

फरवरी 14, 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू यादव के साला सुभाष यादव ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ा राजनीतिक हथियार दे दिया है. भाजपा ने कहा है कि पार्टी जिन बातों के लिए तीन दशक से संघर्ष कर रही थी, वो सौ फीसदी सही निकली. प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक मनोज शर्मा ने लालू परिवार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने बड़े ही कड़े शब्दों में कहा है कि भाजपा लगातार जिन बातों को लालू परिवार के बारे में लगातार कहती रही है, उजागर करती रही है, उसके सबूत देती रही है, आज वही  बातें लालू परिवार के बेहद खास और लालू- राबड़ी सरकार में बेहद महत्व रखने वाले तेजस्वी यादव के मामा ने कही है। उन्होंने बिना लाग-लपेट के उन बातों को स्वीकार किया कि किस तरीके से लालू-राबड़ी देवी की जब सरकार चल रही थी तो अपहरण उद्योग फल फूल रहा था और उसकी पूरी डीलिंग- सेटलमेंट पटना स्थित सीएम आवास में होता था। उन्होंने साफ कहा अपहरण, लूट- खसोट तमाम चीजों की डीलिंग खुद लालू यादव करते थे। भारतीय जनता पार्टी पूर्व सांसद सुभाष यादव की बातों से इत्तेफाक रखती है। देर ही से सही लेकिन, उन्होंने उस सच्चाई को कहा है जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी लगातार सड़क से लेकर सदन तक सवाल उठाती रही है। इसे कहते है साच को आंच नही।

भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि जो बातें लालू यादव और राबड़ी देवी के रिश्तेदार ने कही है उस बात को भाजपा पिछले तीन दशक से कह रही है। भाजपा ने शुरू से कहा था कि लालू-राबड़ी सरकार में अपहरण उद्योग चलता है, लूट तंत्र चलता है, यहां सरेआम छिनतई होती थी, लोगों से रंगदारी वसूला जाता था, इन सबके सरगना लालू यादव होते थे। इन्ही सभी चीजों को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने जंगलराज की उपाधि दी थी। वो सभी बातें सच निकली।

भाजपा के पूर्व विधायक मनोज शर्मा ने कहा कि भाजपा ने जितने भी आरोप लालू-राबड़ी सरकार पर लगाए थे आज उनके रिश्तेदार ने ही उसपर मोहर लगा दिया। इस बात को इस लिए भी गंभीरता से लेनी चाहिए, क्योंकि उस समय राबड़ी देवी के भाई सुभाष यादव सत्ता के बेहद करीब थे और उन तमाम बात के प्रत्यक्षदर्शी भी थे। ऐसे जिनलोगों ने लालू यादव-राबड़ी देवी- तेजस्वी यादव की भक्ति में आंखों पर पट्टी बांधी है, उन्हें पट्टी खोल लेना चाहिए और सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि सचमुच लालू-राबड़ी सरकार अराजक स्थिति थी।

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