सासाराम में तीसरी आंख का पहरा हुआ कमजोर, 250 से अधिक CCTV कैमरा 6 महीने से खराब

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सासाराम में करोड़ों की लागत से अलग-अलग इलाकों 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया था लेकिन आज के डेट में कैमरा काम नहीं कर रहा है। करीब छह महीने से कैमरा खराब है लेकिन इसकी जानकारी लोगों को भी नहीं है। करोड़ों रूपये का इक्यूपमेंट रखरखाव के अभाव में खराब हो गया।  ऐसे में शहर की सुरक्षा भगवान के भरोसे है।

बता दें कि डेढ़ साल पहले तात्कालिक डीएम धर्मेंद्र कुमार के देखरेख में नगर निगम ने पूरे नगर में सीसीटीवी कैमरा स्टॉल किया गया था। कैमरा लगाने का मकसद यह था कि पूरे नगर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके लिए नगर निगम के कक्ष में कंट्रोल रूम भी बनाया गया। जहां कैमरे की निगरानी के लिए ऑपरेटर की बहाली की गई। आज ऑपरेटर तो है, लेकिन कैमरा ने काम करना बंद कर दिया है।

बताया जाता है कि ज्यादातर कैमरा खराब हो चुका है या फिर जगह-जगह केवल टूट चुके है। जिस कारण सीसीटीवी हाथी का दांत बनकर रह गया है। यह कहे की शोभा की वस्तु बनकर रह गई है। आज के डेट में यदि कोई बड़ी आपराधिक घटनाएं होती है तब शहर में लगे सीसीटीवी को खंगालना तो दूर उसे चालू करना ही मुश्किल होगा।

जिसके कारण अपराधी का कोई सुराग भी पुलिस के हाथ नहीं लग सकेगा। बता दें कि जब किसी की हत्या होती है या फिर डकैती, लूट, चोरी और छिनतई की घटना होती है तब पुलिस सबसे पहले इलाके में लगे सीसीटीवी को ही खंगालती है। उसी के आधार पर अपराधियों को पकड़ने का काम करती है लेकिन अब सासाराम पुलिस को बिना तीसरी आंख के ही केस की छानबीन करनी होगी।

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