केदारनाथ धाम की पैदल मार्ग पर 15 दिन बाद फिर शुरू

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उत्तराखंड में केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा 15 दिन बाद फिर से शुरू हो गई। अब तक केदारनाथ में 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों 150 से 200 के करीब तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। उत्तरप्रदेश, गुजरात और हरियाणा से कुछ तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंचे हैं। केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों ने मुख्यमंत्री और प्रशासन का आभार जताया है।

31 जुलाई की रात बारिश के दाैरान भूस्खलन हाेने से केदारनाथ का पैदल मार्ग कई जगह ध्वस्त हो गया था। इस आपदा से 29 किलोमीटर का पैदल मार्ग 29 जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया था। केदारनाथ पैदल मार्ग को मजदूरों की कड़ी मेहनत के बाद दुरुस्त कर लिया गया गया। प्रशासन ने प्राथमिकता के साथ पैदल मार्ग से तीर्थ यात्राओं को सुरक्षित निकाला गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की निगरानी और जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के नेतृत्व में रेस्क्यू अभियान चलाकर हजारों श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता को हेली सेवा और पैदल मार्ग से निकाला।

इसके बाद प्रशासन ने पैदल मार्ग को तेजी के साथ दुरुस्त करने का काम शुरू किया और लगभग ठीक कर पैदल यात्रा फिर शुरू कर दी। हालांकि अभी पैदल मार्ग पर एक-दो जगहों पर ही परेशानी बनी है, जहां पर सुरक्षाबल के जवान तीर्थयात्रियों को रास्ता पार करवा रहे हैं। केदारनाथ धाम पहुंचे तीर्थ यात्रियों ने कहा कि पैदल मार्ग दुरुस्त हो गया है, लेकिन एक-दो स्थानों पर अभी भी दिक्कत है। जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग की ओर से अच्छी व्यवस्थाएं मिल रही हैं।

जिला प्रशासन के अनुसार जल्द से जल्द पूरा पैदल मार्ग दुरुस्त कर लिया जाएगा। पैदल मार्ग पर लोनिवि गुप्तकाशी के 260 मजदूर मार्ग काे दुरुस्त में लगे रहे। अभी सोनप्रयाग–गौरीकुण्ड राजमार्ग को भी दुरुस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। यहां भी जल्द ही वाहनों की आवाजाही आई शुरू हो जाएगी। एनएच विभाग की मशीनें और मजदूर रात-दिन राजमार्ग को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि अब तक केदारनाथ में 10 लाख 93 हजार 632 श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं। इन दिनों 150 से 200 के करीब तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हेली सेवाओं के साथ ही पैदल चलकर भी बाबा के भक्त धाम पहुंच रहे हैं। पैदल मार्ग के डेंजर वाली जगहों पर सुरक्षा जवान तैनात किए गए हैं, जो भक्तों को सुरक्षित यात्रा करवा रहे हैं।

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