जमुई में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास से 55 छात्राएं बिना किसी को बताए फरार हो गई. छात्राएं वार्डन और नाइट गार्ड को बिना बताए गेट खोलकर यहां से अपने घर चली गईं. सुबह जब वार्डन की नींद खुली तो हॉस्टल में एक भी छात्रा मौजूद नहीं थी. गेट खुला हुआ था जबकि गार्ड रूम में सो रहा था. छात्रों के इस तरह चले जाने के बाद हॉस्टल में अफरा तफरी का माहौल हो गया. इसके बाद नाइट गार्ड के द्वारा बच्चियों की खोजबीन शुरू की तो तीन बच्ची सोनो चौक से मिली. इसके बाद बांकी छात्राओं के परिजनों से संपर्क किया गया तो पता चला कि सभी बच्चियां घर पहुंच गई है।
वार्डन ने सभी को हॉस्टल वापस आने के लिए कहा. हॉस्टल से बिना बताए घर जाने वाली ज्यादातर बच्चियां जिले के चकाई प्रखंड की बताई जा रही है. इधर बच्चियों के इस तरह गायब हो जाने के बाद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई है।
बताया जा रहा है कि देर रात वार्डन बाथरूम गई थी. इस दौरान तकिए के नीचे रखे चाभी को छात्राओं ने चुरा लिया. इसके बाद हॉस्टल की सभी लड़कियां एक साथ वहां से भाई गई. इस दौरान गेट पर गार्ड अपने कमरे में सोता रहा।
हॉस्टल से छात्राओं के भागने के बाद कहा जा रहा है कि छात्राओं का यहां समय पर खाना नहीं दिया जा है. शनिवार दोपहर को भी छात्राओं को खाना नहीं दिया गया साथ ही रात में भी खाना नहीं बनाया गया. छात्राओं ने आरोप लगाया कि यहां आए दिन इस तरह होता है. छात्रावास में रसोइयां मौजूद है इसके बाद भी अक्सर रात को खाना नहीं मिलता है. जिस दिन खाना मिलता है भी तो बहुत देर से मिलता है. इस वजह से अगले सुबह क्लास जाने में देर होती है इस वजह से क्लास में टीचर से डांट भी खानी पड़ती है।