राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 206.24 मीटर पर पहुंचा; पढ़े पूरी रिपोर्ट

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देशभर में हो रही भारी बारिश ने कई राज्यों को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस बारिश की वजह से आई बाढ़ की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है और संपत्ति की भी हानि हुई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। ये 205.33 मीटर को पार कर 206.24 मीटर पर पहुंच गया है। जबकि उच्च बाढ़ स्तर 207.49 मीटर है। इस बात की जानकारी केंद्रीय जल आयोग ने दी है।

हिमाचल में भारी तबाही, कई जगहों पर रेड अलर्ट

बारिश और बाढ़ की वजह से हिमाचल प्रदेश में हालात खराब हैं। हिमाचल में 24 जून के बाद से अब तक 72 लोगों ने जान गंवाई है। सीनियर आईएमडी वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया, ‘अगले 24 घंटों के लिए सोलन, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, किन्नौर और लाहौल में बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और चंबा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अगले 24 घंटों के लिए मंडी, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के लिए अचानक बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है।’

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोगों से की ये अपील

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है, ‘प्राकृतिक आपदा की इस घड़ी में हिमाचल प्रदेश में जान-माल को काफी नुकसान हुआ है। मेरा आपसे आग्रह है कि अनावश्यक यात्रा से बचें, जल स्रोतों से उचित दूरी बनाए रखें और जितना संभव हो घर पर रहें। सरकार, 12 एनडीआरएफ टीमें और भाजपा पार्टी मदद के लिए हर पल तैयार हैं। किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 9317221289, 8580616570 डायल करें।’

यूपी में भी अलर्ट

यूपी के 44 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है और 3 दिनों तक बरसात होने और वज्रपात होने की संभावना जताई गई है। प्रशासनिक अधिकारियों से अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। हालही में सहारनपुर जिले से वरिष्ठ नागरिकों समेत 42 लोगों को फायर ब्रिगेड की टीम ने बचाया। ये सभी जिले में भारी बारिश और ढमोला नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण हुए जलभराव में फंस गए थे। फायर ब्रिगेड की टीम ने निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।

उत्तराखंड में सीएम ने लिया हालात का जायजा, दिए निर्देश

उत्तराखंड में जारी भारी बारिश के बीच सीएम पुष्कर सिंह धामी इन दिनों सचिवालय, देहरादून स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष का औचक निरीक्षण कर प्रदेश भर की मौजूदा स्थिति का जायजा ले रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए पर्वतीय जिलों के जिलाधिकारियों को सावधान और सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने हरिद्वार और नैनीताल के जिलाधिकारियों को संबंधित जिलों में नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि की संभावना को देखते हुए अपने-अपने जिलों में सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

बिहार के हालात पर भी कड़ी नजर

मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर बिहार में बारिश की संभावना है और दक्षिण बिहार में वज्रपात की संभावना है। हालांकि बिहार में बाकी राज्यों की अपेक्षा इतनी बारिश नहीं हो रही है, जिस वजह से लोग गर्मी से परेशान भी नजर आ रहे हैं। बिहार में अब तक सामान्य से 31 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। यहां के 16 जिलों में तो नाम मात्र की भी बारिश नहीं हुई है।

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