“अपनी जन्मभूमि बिहार में हॉकी के आयोजन का बरसों पुराना सपना हुआ सच”, बोले भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच हरेंद्र सिंह

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अपनी जन्मभूमि बिहार में पहली बार अंतरराष्ट्रीय हॉकी के आयोजन से भावुक हुए भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच हरेंद्र सिंह ने कहा कि उनका बरसों पुराना सपना सच हो गया है। बिहार के छपरा में जन्में हरेंद्र भारतीय पुरुष टीम, महिला टीम, विश्व कप 2016 विजेता जूनियर टीम के कोच भी रहे। द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त हरेंद्र तीन साल तक अमेरिकी पुरुष टीम के कोच रहने के बाद इस साल अप्रैल में फिर भारतीय महिला टीम के कोच बने।

‘बहुत कम कोचों को अपनी जन्मभूमि पर…’
राजगीर में कल से शुरू हो रही एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी से पूर्व वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में हरेंद्र सिंह ने कहा ,‘‘बहुत कम कोचों को अपनी जन्मभूमि पर इस तरह के टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिलता है। जहां तक मुझे याद है स्वर्गीय एम के कौशिक सर (हरियाणा) और भास्करन वासुदेवन सर (तमिलनाडु) को यह मौका मिला।”

‘बिहार में तो कभी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी नहीं हुई….’

भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच ने कहा ,‘‘ बिहार में तो कभी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी नहीं हुई और अब एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी जैसा बड़ा टूर्नामेंट हो रहा है और मैं कोच हूं। मेरी बरसों से इच्छा थी कि बिहार में हॉकी हो और इसे पूरा होते देखना मेरे लिये बहुत जज्बाती पल है।” उन्होंने कहा ,‘‘ मैं बिहार सरकार और हॉकी इंडिया को अपनी टीम और परिवार की ओर से इसके लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। रोमांच के साथ अपेक्षाएं भी बहुत हैं और सारी लड़कियां भी काफी उत्साहित हैं।” भारतीय टीम की कप्तान सलीमा टेटे ने कहा ,‘‘ सर के साथ हम सभी उनके प्रदेश में पहली बार खेलने को लेकर उत्साहित हैं। हम अच्छे नतीजे देकर इसका जश्न मनाना चाहते हैं।”