भूमि सर्वेक्षण को लेकर स्व घोषणा में आम लोगों की समस्या के समाधान को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नई एडवाइजरी जारी की है. भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने यह पत्र जारी किया है. स्वघोषणा जमा करने में आम लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनज़र नई एडवाइजरी जारी की गई है. रैयतों को कहा गया है वो अपनी जमीन का ब्यौरा यानि स्वघोषणा अंचल स्थित शिविर कार्यालय में जाकर जमा करें। सर्वर में हो रहे बदलावों की वजह से फिलहाल ऑनलाइन माध्यम से स्वघोषणा की अपलोडिंग बंद है।
रैयतों की समस्य़ा बरकरार…22 तारीख से शुरू होगी सेवा
सर्वे निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर य़ह सूचना प्रसारित है कि तकनीकी समस्या के कारण अभी ऑनलाइन माध्यम से स्व घोषणा/ वंशावली हेतु प्रपत्रों को प्राप्त नहीं किया जा रहा है. 22 फरवरी से यह सेवा फिर से शुरू हो जाएगी. वर्तमान में रैयत अंचल स्तर पर कार्यरत विशेष सर्वेक्षण शिविरों में अपनी स्वघोषणा एवं वंशावली समर्पित कर सकते हैं. सर्वे निदेशालय बिहार के सभी 9 प्रमंडल के अलग-अलग सर्वर का प्रावधान कर रहा है. फिलहाल 3 प्रमंडल भागलपुर, पूर्णिया एवं मुंगेर का सर्वर अलग किया जा चुका है. अन्य प्रमंडल के लिए सर्वर अलग करने का काम प्रगति पर है और जल्द ही सभी सर्वर काम भी करने लगेंगे.
मार्च महीने तक जमा होंगे स्वघोषणा
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की तरफ से कहा गया है कि बिहार में मार्च, 25 तक स्व घोषणा जमा करने का प्रावधान किया गया है. लोगों द्वारा इस काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा भी लिया जा रहा है. अभी तक 78 लाख रैयतों द्वारा स्व घोषणा समर्पित किया जा चुका है. सर्वे निदेशालय को उम्मीद है कि उम्मीद है कि सर्वर migration की समस्या दूर होते ही इसमें तेज प्रगति होगी. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह द्वारा किस्तवार शुरू करने के लिए फरवरी का अंतिम सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है. इसके मद्देनजर निदेशालय द्वारा जरूरी तैयारियां की जा रही हैं.
भू- अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में शुक्रवार को द्वितीय चरण के 18 जिलों में भूमि सर्वे के कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा में बंदोबस्त पदाधिकारियों से जिलावार विशेष सर्वेक्षण नक्शों की उपलब्धता की जानकारी ली गई। पता चला कि जिलों में SS नक्शा उपलब्ध कराया गया है किंतु अधिकांश जिलों में सभी मौजों के नक्शों की आपूर्ति नहीं की गई है. सभी हवाई एजेंसियों को 15 फरवरी तक द्वितीय चरण के सभी मौजों में विशेष सर्वेक्षण का नक्शा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है। बैठक में यह भी कहा गया कि जिन जिलों में एस0एस0 नक्शा पूर्व में उपलब्ध कराया गया है उनकी ठीक से जांच कर लिया जाए। अगर नक्शा फटा हुआ है या किसी कारण से नष्ट हो गया है तो उसकी नई प्रति संबंधित हवाई एजेंसी से तुरंत प्राप्त कर ली जाए। इसके लिए प्रति शीट दर भी निर्धारित कर दिया गया है.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप श्री कमलेश कुमार सिंह ने सभी हवाई एजेंसियों से उनके द्वारा जिलों में उपलब्ध कराए गए ई0टी0एस0 मशीन की भी जानकारी मांगी। हवाई एजेंसियों द्वारा बताया गया कि जिन जिलों में प्रथम चरण के 89 अंचलों में भूमि सर्वे चल रहा है वहां से मशीनों को मंगाया जाएगा। इसपर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए निदेशक द्वारा सभी तीनों हवाई एजेंसियों को अंचलवार ई0टी0एस0 मशीन का इंतजाम अविलंब करने का निदेश दिया गया। बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम हाइब्रिड तरीके से किया जा रहा है. इसमें गांव का नक्शा बनाने की जिम्मेदारी मुख्यतः 3 हवाई एजेंसी को दिया गया है. इन एजेंसियों द्वारा हवाई जहाज से फोटोग्राफी करके गांव का नक्शा बनाया जा चुका है. इसे SS मैप कहा जाता है. किस्तवार में इसी आर्थो मैप के सहारे एजेंसी एवं सर्वे कर्मी मिलकर गांव का त्रि सीमाना एवं बाउंड्री फिक्स करते हैं.
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.