पिछले कुछ दिनों में भारत में कुछ शरारती तत्वों ने लगातार एयरलाइनों को झूठी बम की धमकियां देकर भारी नुकसान पहुँचाया है। लगभग 40 उड़ानों को बम की धमकियां मिली हैं, लेकिन जांच में सभी धमकियां झूठी साबित हुई हैं। आज भी दिल्ली से लंदन जा रहे ‘विस्तारा’ के एक विमान में बम की धमकी मिली। आइए जानते है कि एक झूठी कॉल से कैसे एयरलाइन्स को हो रहा है करोड़ों का नुकसान। जब किसी विमान को बम की धमकी मिलती है, तो उसे अपनी निर्धारित उड़ान के बजाय नजदीकी हवाई अड्डे पर उतारना पड़ता है। इससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है और अन्य अतिरिक्त खर्च भी उठाने पड़ते हैं।
आर्थिक नुकसान
अब तक इन झूठी सूचनाओं ने एयरलाइन कंपनियों को 60-80 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया है। जब किसी विमान में बम होने की सूचना मिलती है, तो उड़ान को अपने निर्धारित हवाई अड्डे पर नहीं उतारा जाता। इसके बजाय, विमान को नजदीकी हवाई अड्डे पर उतारना पड़ता है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ जाती है।
अतिरिक्त खर्च
इमरजेंसी लैंडिंग की स्थिति में एयरलाइन को कई अतिरिक्त खर्चों का सामना करना पड़ता है। इसमें विमान की जांच, यात्रियों को होटलों में ठहराने, और उन्हें उनके गंतव्य तक पहुँचाने के लिए व्यवस्था करना शामिल है। इन सब पर लगभग 3 करोड़ रुपये तक खर्च हो जाते हैं। यह सभी खर्चे एयरलाइन की आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ते हैं।
पार्किंग और मुआवजा
इसके अलावा, एयरलाइन को एयरपोर्ट पर विमान का पार्किंग शुल्क भी देना पड़ता है। यदि किसी यात्री की कनेक्टिंग फ्लाइट है, तो एयरलाइन को उसे मुआवजा भी देना पड़ता है। ये सभी अतिरिक्त खर्चे एयरलाइन की कुल लागत को और बढ़ा देते हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस तरह की घटनाएं केवल एयरलाइनों के लिए नहीं, बल्कि यात्रियों के लिए भी असुविधाजनक साबित होती हैं।
ईंधन की बर्बादी
एक उदाहरण के तौर पर, 14 अक्टूबर को एयर इंडिया का एक बोइंग 777 विमान मुंबई से न्यूयॉर्क के JFK हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ था। उड़ान के तुरंत बाद, एयरलाइन को एक कॉल मिली जिसमें कहा गया कि विमान में बम है। इस वजह से उड़ान को दिल्ली वापस लाया गया, लेकिन विमान को लैंड करने के लिए वजन कम करने के लिए लगभग 100 टन ईंधन जलाना पड़ा। इससे एयरलाइन को लगभग ₹1 करोड़ का नुकसान होता है।
वित्तीय आतंकवाद की समस्या
एयरलाइंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह की धमकियों को “वित्तीय आतंकवाद” के रूप में देखा जाना चाहिए। ये धमकियां एयरलाइनों के संचालन को प्रभावित करती हैं और उन्हें भारी वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ता है। अधिकारी ने कहा कि ऐसी धमकियों से निपटने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि यात्रियों को असुविधा और डर से बचाया जा सके और विमानन कंपनियों को आर्थिक नुकसान से भी बचाया जा सके।