बिहार सरकार बेरोजगार युवाओं को जल्द से जल्द नौकरी उपलब्ध कराने और उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में तेज गति से काम कर रही है. शुक्रवार को पंचायती राज विभाग ने 15,610 पदों पर वैकेंसी की घोषणा की है. विभाग की ओर से यह वैकेंसी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है. इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने 45,000 पदों पर वैकेंसी निकाली है. इसे चार माह के अंदर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
10 लाख रोजगार का आंकड़ा पाने का लक्ष्य: पंचायती राज विभाग के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने इस संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लक्ष्य है कि विधानसभा चुनाव 2025 के पहले बिहार में 10 लाख बेरोजगार युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराई जाए. अब तक इस विधानसभा कार्यकाल में लगभग 5 लाख नियुक्तियां हो गई हैं और जहां बची हुई है उसमें पंचायती राज विभाग ने 15610 रिक्तियां आगामी 6 से 8 महीने में पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है. इसमें स्थाई पदों पर 4351 वैकेंसी है और अस्थाई पदों पर संविदा के आधार पर 11259 रिक्तियां हैं. इसमें पंचायत सचिव के 3525 पदों पर वैकेंसी है।
स्थायी और अस्थायी पद का आंकड़ा: मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता ने बताया कि स्थाई पदों पर 4351 वैकेंसी में पंचायत राज पदाधिकारी के 112 पद, अंकेक्षक के 28 पद, पंचायत सचिव के 3525 पद, निम्न वर्गीय लिपिक (क्षेत्रीय स्थापना) 504 पद, निम्न वर्गीय लिपिक (मुख्यालय स्थापना) 1 पद, कार्यालय परिचारी 5 पद, जिला परिषद कनीय अभियंता 104 पद, जिला परिषद में निम्न वर्गीय लिपिक 72 पद शामिल है. वहीं अस्थाई पदों में संविदा के आधार पर होने वाली वैकेंसी में लेखपाल सह आईटी सहायक के 7070 पद, तकनीकी सहायक के 556 पद, कार्यपालक सहायक / डाटा एंट्री ऑपरेटर के 3 पद, ग्राम कचहरी सचिव के 1400 पद और ग्राम कचहरी न्याय मित्र के 2230 पद शामिल है।
विधानसभा चुनाव पर नजरः बता दें कि बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव होना है. इस लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने नौकरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था. इसलिए सरकार का उद्देश्य बेरोजगार युवाओं को जल्द से जल्द नौकरी उपलब्ध कराना और उन्हें रोजगार से जोड़ना है. इस दिशा में तेज गति से काम किया जा रहा है, जिससे युवाओं में उत्साह और जोश का माहौल है. दोनों विभागों में वैकेंसी इसी वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।