आईबी अफसर मनीष रंजन की मौत से पैतृक गांव में शोक और गुस्सा, परिजनों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

FB IMG 1745466948304FB IMG 1745466948304

सासाराम, 24 अप्रैल 2025: पहलगाम में आतंकियों द्वारा इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारी मनीष रंजन की निर्मम हत्या की खबर जैसे ही उनके पैतृक गांव अरूही (करगहर थाना, रोहतास) और सासाराम के गौरक्षणी स्थित उनके आवास पर पहुंची, माहौल शोक में डूब गया। गांव के लोग गमगीन होने के साथ-साथ आक्रोशित भी नजर आए।

परिजनों की मांग—आतंकियों को मिले कड़ी सजा
मनीष की चाची सुनीता देवी और चाचा आलोक कुमार प्रियदर्शी ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए सरकार से मांग की कि आतंकियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मनीष की शहादत व्यर्थ नहीं जानी चाहिए।

पिता फिलहाल पश्चिम बंगाल में, अंतिम यात्रा की तैयारी
मनीष रंजन के पिता मंगलेश मिश्रा वर्तमान में पश्चिम बंगाल के झालदा क्षेत्र में निवास कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मनीष का पार्थिव शरीर विमान से रांची लाया जाएगा, जहां से सड़क मार्ग द्वारा झालदा स्थित उनके आवास तक ले जाया जाएगा।

गांव से था गहरा जुड़ाव
हालांकि मनीष का कार्यस्थल कश्मीर था, लेकिन उनका दिल हमेशा अपने गांव अरूही से जुड़ा रहा। गांव वालों के अनुसार, छुट्टियों में वे अक्सर घर आते थे और स्थानीय लोगों के साथ घुलमिल जाते थे। उनकी सादगी और व्यवहारकुशलता के चलते गांव में वे बेहद लोकप्रिय थे।

गांव में मातम पसरा, पर गर्व भी
गांव में शोक की लहर है, लेकिन साथ ही लोगों को मनीष की बहादुरी पर गर्व भी है। गांव के बुजुर्गों और युवाओं ने एक सुर में कहा कि मनीष ने देश के लिए जान देकर सच्चा बलिदान दिया है और देश को ऐसे जांबाजों पर नाज़ है।


 

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
whatsapp