पटना: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आरजेडी और बिहार बीजेपी के परिवारवाद की पोल खोलते हुए कहा कि बिहार में 13 करोड़ परिवार के लोग रहते हैं, लेकिन विधायक और सांसद यहां सिर्फ साढ़े बारह सौ परिवार के लोग ही बनते रहे हैं। इन परिवारों का बिहार की राजनीति पर कब्जा है। विधायक का लड़का विधायक बनेगा और सांसद का लड़का सांसद और मंत्री बनेगा।
सामान्य परिवार के जो बच्चे हैं, अगर आपके बाबूजी विधायक या सांसद नहीं हैं, राजनीति में पहले से बहुत सक्रिय नहीं हैं, तो आपको चुनाव लड़ने का अवसर बिहार में नहीं है। बहुत लोगों को लगता है कि सिर्फ लालू यादव के परिवार का राजनीति में दबदबा है, लेकिन ऐसा सिर्फ लालू यादव के परिवार में नहीं है। हर विधानसभा, हर प्रखंड में कोई न कोई ऐसा परिवार है जो ऐसी राजनीति करता है।
दरभंगा में जनसंवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि उदाहरण के तौर पर देख लीजिए कि बीजेपी को बहुत लोग मानते हैं कि भाजपा परिवारवाद की पार्टी नहीं है। लेकिन अभी सम्राट चौधरी बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं। जब कांग्रेस का दौर था, तो इनके बाबूजी शकुनी चौधरी विधायक और मंत्री थे। जब लालू यादव का दौर आया तो भी शकुनी चौधरी विधायक और मंत्री थे और जब नीतीश कुमार की सत्ता आई तो उसमें भी विधायक और मंत्री रहे।
आज जब बीजेपी की बढ़त और ताकत दिख रही है, तो उसमें भी बीजेपी को कोई नहीं मिला, शकुनी चौधरी का बच्चा ही मिला। ये कमोबेश हर प्रखंड और हर जिले की स्थिति है। बिहार में चार, पांच या दस परिवारों ने राजनीति पर अपना पूरा कब्जा जमाया है और जिस दल या नेता की हवा होती है, सब उसी में चले जाते हैं।
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