नीतीश कुमार के पलटी मारने के बाद एक बार फिर से बिहार में एनडीए की सरकार बन गई है। सरकार बदलने के साही ही उन नेताओं के सुर भी बदल गए हैं जो कल तक बीजेपी को पानी पी पीकर गालियां देते थे। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर से सांसद ललन सिंह जो कल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुरूपिया कहा करते थे, अब कांग्रेस और आरजेडी को कोसते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, झारखंड के बाद बिहार की सियासत में बड़े खेल की संभावना जताई जा रही है। एनडीए की सरकार के पास बहुमत का आंकड़ा होने के बावजूद विधायकों के टूटने के डर से कांग्रेस सहमी हुई है। कांग्रेस आला कमान ने बिहार के सभी कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है। नीतीश सरकार को आगामी 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है। तबतक कांग्रेस के विधाक हैदराबाद में ही रहेंगे।
झारखंड के सत्ताधारी जेएमएम और कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद भेजा गया था। चंपई सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले जैसे ही झारखंड के विधायक हैदराबाद से रांची के लिए निकले, दिल्ली से बिहार के कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद रवाना कर दिया गया। रविवार की देर शाम बिहार कांग्रेस के 16 विधायक हैदराबाद एयरपोर्ट पर लैंड कर गए। विधायकों के साथ बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह भी मौजूद थे। हैदरा बाद में मीडिया के सवालों को जबाद देते हुए अखिलेश सिंह ने दलील दी थी कि वे तेलंगाना में नई सरकार के गठन पर बधाई देने के लिए पहुंचे हैं।
उधर, दिल्ली में लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने पहुंचे जेडीयू सांसद ललन सिंह से जब बिहार कांग्रेस के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने के बारे में पूछा गया तो उनके सुर बदल गए। कल तक जो ललन सिंह कांग्रेस के लिए कसीदे गढ़ा करते थे और पीएम मोदी को कोसते नजर आते थे आज कांग्रेस के ऊपर हमलावर दिखे।
ललन सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेजा। बिहार में किसी तरह का कोई जोड़ तोड़ नहीं होता है लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है और दावा करते हैं कि देश की जनता उनके ऊपर भरोसा करे। राहुल गांधी पर तंज करते हुए ललन सिंह ने कहा कि जिनको अपनी पार्टी के विधायकों पर भरोसा नहीं है तो देश की जनता का भरोसा वे कहां से जीत पाएंगे।