भागलपुर के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में दवा तक नहीं !
भागलपुर। दिल, दिमाग व किडनी के अत्याधुनिक एवं बेहतरीन हॉस्पिटल कहे जाने वाले सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टरों के पास इलाज के नाम पर मरीजों का नब्ज थामने के अलावा कोई काम नहीं है। कहने को इस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हृदय, किडनी व मस्तिष्क के ऐसे गंभीर रोग का इलाज से लेकर ऑपेरशन किया जाता है, जिसका कि पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के सबसे बड़े अस्पताल मायागंज अस्पताल में भी नहीं होता है। लेकिन मौजूदा वक्त में हकीकत ये है कि ये सिर्फ नाम का सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल है। यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को न तो जांच की सुविधा मिलती है और न ही दवा ही मयस्सर होता है।
इलाज कराएं सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, दवा के लिए लगानी होगी एक किमी की दौड़
सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में बीते तीन सितंबर से कॉर्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी व प्लास्टिक सर्जरी की ओपीडी का संचालन किया जाता है। हर रोज यहां पर 100 के आसपास मरीज इलाज के लिए आते हैं। डॉक्टर द्वारा इलाज किए जाने के बाद जरूरी जांच तो मायागंज अस्पताल में करानी ही पड़ती है। जब इस हॉस्पिटल का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था। उस दिन मरीजों का ईसीजी, बीपी, शुगर समेत प्रकार की पैथोलॉजी जांच भी की गई थी। इसके बाद यहां से दवा से लेकर जांच की सुविधा तक खत्म कर दी गई। मायागंज अस्पताल में दवा लेने के लिए पहुंचे रामप्रकाश ने बताया कि यहां पर दवा लिये तो उन्हें सात में से तीन प्रकार की दवा ही मिली। खंजरपुर के शंकर प्रसाद ने बताया कि उन्हें पांच में सिर्फ एक ही दवा मिली।
दवा को लेकर बीएमएसआईसीएल को पत्र लिखा गया है। बड़ी बात ये है कि इस हॉस्पिटल में दवा आदि की उपलब्धता के लिए पटना से आदेश निर्गत होना है। -डॉ. केके सिन्हा, अधीक्षक, मायागंज अस्पताल भागलपुर
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