मेरठ में सदन से सड़क तक थप्पड़बाजी का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। मेरठ नगर निगम उस समय जंग का अखाड़ा बन गया जब नगर निगम में बोर्ड की बैठक चल रही थी। बैठक में गृहकर को लेकर भाजपा महिला पार्षद रेखा यादव ने कुछ कहा तो उसका विरोध एआईएमआईएम के पार्षद फजल करीम ने किया। जिसे लेकर भाजपा और विपक्ष के नेता आपस में भिड़ गये। तभी एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज भी वहां पहुंचे, उनके साथ धक्का-मुक्की की गई। देखते ही देखते धर्मेंद्र भारद्वाज और बसपा पार्षद आमने-सामने हो गए और थप्पड़बाजी करने लगे। गुस्से से आगबबूला भाजपा कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए पुलिस टीम भी आई। पार्षद पुलिस की भी नहीं सुन रहे थे और थप्पड़ से एक-दूसरे का गाल लाल करने में लगे थे।
सदन से सड़क तक हुई दौड़ा-दोड़ी
पुलिस के बीच बचाव के बाद भी एमएलसी धर्मेंद्र और राज्य मंत्री सोमेन्द्र तोमर ने बसपा के आशीष और सपा के कुलदीप उर्फ कीर्ति घोपला को सदन से बाहर सड़क पर दौड़ा दिया। घटना की जानकारी मिलते ही विपक्ष के विधायक अतुल प्रधान देहली गेट थाने पहुंचे और उन्होंने भाजपा के मारपीट करने वाले सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने 24 घंटे के अंदर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए विपक्ष के लोगों को थाने से भेजा और मामला शांत कराने की कोशिश की।
विपक्ष ने दी है चेतावनी
धर्मेंद्र भारद्वाज और मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने नियमानुसार कार्रवाई की बात की है, उनका कहना है कि मातृशक्ति के लिए कुछ नहीं सुना जायेगा। अपशब्द कह माताओं का अपमान करने वाले सदन में बर्दाश्त नही किये जायेंगे। नगर निगम सदन से सड़क तक चले इस बवाल के बाद अफरातफरी का माहौल हो गया। टाउनहाल के बाहर खड़े ठेले पलट गये, पुलिस को रूट डायवर्जन करना पड़ा। घटना के बाद से कांग्रेस, सपा और बसपा भाजपा पर हमलावर हो गए हैं।और न्याय मिलने तक विपक्ष ने आंदोलन की चेतावनी भी दे डाली है।