शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की तर्ज पर ही उनकी प्रतिनियुक्ति भी की जाएगी। इसको लेकर राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है। मुख्यालय ने इसके लिए जिलों के संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को शक्तियां दी हैं। स्कूलों में एक बार ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ही रैंडमली सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति भी किसी शिक्षकविहीन विद्यालय में हो सकेगी।
शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति केवल और केवल उन्हीं विद्यालयों में की जाएगी, जहां एक भी शिक्षक मौजूद नहीं हैं। वहीं इस प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया सभी कोटि (बीपीएससी और सक्षमता उत्तीर्ण) के शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद ही शुरू की जाएगी। बता दें कि किसी भी विद्यालय में प्रतिनियुक्ति को समाप्त किये जाने को लेकर अपर मुख्य सचिव ने पूर्व में ही आदेश जारी किया था। इसके बाद स्कूलों में प्रतिनियुक्त शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय लौटना पड़ा था।
बिहार राज्य मुख्यालय की ओर से जारी निर्देश के अनुसार भागलपुर समेत कई जिलों में ऐसे विद्यालय सामने आए हैं, जहां या तो शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं या फिर निकट भविष्य में वहां नियुक्त शिक्षकों की सेवानिवृत्ति हो जाएगी । ऐसी परिस्थिति में जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने स्तर से संबंधित शिक्षकविहीन स्कूलों में प्राथमिकता के आधार रैंडमली सॉफ्टवेयर के माध्यम से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति कर सकेंगे। फिलहाल राज्य मुख्यालय की ओर से असाध्य रोग कैंसर से पीड़ित (स्वयं, बच्चे, माता-पिता पति या पत्नी) शिक्षकों के ट्रांसफर का निर्देश जारी किया गया है।
इस नीति के तहत कुल 10 शिक्षकों की उनकी जरुरत के अनुसार नई जगह पर तैनाती भी हुई है। भागलपुर के डीईओ रामजकुमार शर्मा ने बताया कि शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगी। शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इस दिशा में निर्णय लिया जाएगा और अब शिक्षकों के ट्रांसफर या प्रतिनियुक्ति में कोई खेल या मनमानी नहीं कर पाएगा।
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