दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने रविवार 28 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांगेस को बड़ा झटका लगा है। लवली ने अपने इस्तीफे में दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एआईसीसी के राज्य प्रभारी दीपक बाबरिया मुझे काम नहीं करने दे रहे थे। उन्हें प्रदेश में नियुक्ति का कोई अधिकार नहीं था। लवली ने कहा कि प्रभारी ने राजकुमार चौहान समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं को निलंबित कर दिया। उन्होंने लिखा कि कांग्रेस प्रभारी की संदीप दीक्षित और अन्य वरिष्ठ नेताओं से झड़प भी हुई थी।
अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि एआईसीसी महासचिव ने दिल्ली में कांग्रेस की इकाई द्वारा लिए गए निर्णयों पर एकतरफा वीटो लगा दिया। मैं अध्यक्ष बनने के बाद से किसी भी वरिष्ठ नेता की नियुक्ति नहीं कर पा रहा था। क्योंकि दीपक बाबरिया मेरे सभी निर्णयों पर वीटो लगा देते थे। इसके अलावा शहर ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों पर भी नियुक्ति करने की इजाजत नहीं थी।
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जानें कौन हैं दीपक बाबरिया
बता दें कि दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह सभी आरोप दिल्ली कांग्रेस के इंचार्ज दीपक बाबरिया पर लगाए हैं। दीपक बाबरिया ने 1970 के दशक में अपने करियर की शुरुआत की थी। वे गुजरात से आते हैं। दीपक को राहुल गांधी की टीम का नेता माना जाता है। राहुल गांधी ही उन्हें गुजरात से दिल्ली लेकर आए और हरियाणा-दिल्ली जैसी प्रदेश इकाईयों का प्रभारी नियुक्त किया। इससे पहले बाबरिया केरल के प्रभारी रह चुके हैं।
आप से गठबंधन करने से नाराज थे लवली
गौरतलब है कि दिल्ली कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में आप के साथ गठबंधन करने से नाराज थी। अरविंदर सिंह लवली ने खड़गे को लिखे 4 पेज के इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस पार्टी की दिल्ली इकाई एक ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती थी जिसके आधे से ज्यादा कैबिनेट मंत्री वर्तमान में भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। इसके बावजूद केंद्रीय आलाकमान ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन का फैसला किया। इसके साथ ही लवली ने दिल्ली की 3 लोकसभा सीटों में से 2 प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाहरी प्रत्याशियों को लाकर चुनाव लड़वाना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है।