मणिपुर में इंटरनेट की सीमित बहाली पर हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ मंगलवार को याचिका पर सुनवाई करने के लिए तब सहमत हो गई, जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का आग्रह करते हुए कहा कि राज्य में स्थिति बहुत तेजी से बदल रही है। बता दें कि मणिपुर में पिछले कुछ हफ्तों में हुई हिंसा को देखते हुए इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
‘मणिपुर में हालात तेजी से बदल रहे हैं’
सरकार की तरफ से दलील देते हुए तुषार मेहता ने कहा, ‘यह मणिपुर में इंटरनेट बंद होने से जुड़ा है। राज्य में हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं। अपील हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ है, जहां उसने इंटरनेट सेवा बहाल करने का निर्देश दिया है। कृपया इसे आज ही सुनें।’ राज्य में जातीय हिंसा पर कई याचिकाओं की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि चूंकि वह इन्हें मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर रही है, इसलिए वह उसी दिन इंटरनेट संबंधी मुद्दे पर राज्य सरकार की याचिका पर भी विचार करेगी।
अपने आदेश में हाई कोर्ट ने क्या कहा था?
बता दें कि मणिपुर हाई कोर्ट ने 7 जुलाई को राज्य सरकार को नागरिकों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए इंटरनेट सेवा प्रदान करने की व्यवहार्यता की पड़ताल करने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी। कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट की एक बेंच ने कहा था कि समिति द्वारा सुझाए गए उपायों का अनुपालन सुनिश्चित करने के बाद ‘फाइबर टू द होम (FTTH) कनेक्शन के मामले में, गृह विभाग द्वारा मामले दर मामले के आधार पर इंटरनेट सेवा प्रदान की जा सकती है।’