दाखिल खारिज नहीं होने पर चाहिए यह दस्तावेज,अब इस वेबसाइट से करें ऑनलाइन आवेदन

Nitish Kumar on phone

बिहार के तमाम गांवों में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। इसके लिए समय सीमा तय कर ली गई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से कराये जा रहे जमीन सर्वे की प्रक्रिया 360 दिनों में पूरी की जाएगी। इस लिए सभी प्रक्रियाओं के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है। आम लोगों से दो बार 15-15 दिनों के लिए दावा-आपत्ति प्राप्त करने की समयसीमा तय की गई है।

दरअसल, विभाग ने ऑन लाइन आवेदन और जरूरी कागजात दस्तावेजों को डाउनलोड करने के लिए वेबसाइट का एड्रेस भी जारी कर दिया है। इन सभी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध तरीके से पूरी करने के बाद परिणाम प्रकाशित होगा। करीब एक वर्ष में सभी गांवों के जमीन सर्वे का परिणाम प्रकाशित करने का लक्ष्य है।

रैयत या जमीन मालिक अपनी जमीन का जो भी प्रमाण या दस्तावेज सौंपेंगे, उनका मिलान सरकारी दस्तावेज से किया जाएगा। इसके बाद ही इन्हें अंतिम रूप से अपलोड किया जाएगा। अगर जमा किए गए दस्तावेजों में नाम, खेसरा-खाता संख्या समेत अन्य किसी चीज का मिलान सरकार के पास मौजूद दस्तावेज से नहीं होगा, तो इसे अपलोड नहीं किया जाएगा। संबंधित व्यक्ति को इसकी सूचना दी जाएगी कि वे अपनी जमीन का सही दस्तावेज प्रस्तुत करें। ऐसा नहीं करने पर पहले से मौजूद नाम चढ़ाया जाएगा।

जमीन सर्वे के दौरान संबंधित व्यक्ति को अपनी जमीन से जुड़ा कोई भी दस्तावेजी प्रमाण देना होगा, जिससे यह साबित हो कि वह जमीन उसकी है। इसमें जमीन का खतियान, रसीद, दाखिल-खारिज या जमीन के स्वामित्व से संबंधित अन्य कोई सरकारी दस्तावेज हो सकता है। अमूमन जमीन की प्रकृति के आधार पर इसके लिए तीन तरह के साक्ष्य होते हैं। इसमें पुश्तैनी जमीन का खतियान, खरीदी गई जमीन की डीड या रजिस्ट्री दस्तावेज तथा अगर जमीन सरकार से मिली हुई है तो इसका पर्चा या बासगीत पर्चा।

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