भागलपुर : मारवाड़ी पाठशाला में इस बार तिरुपति बालाजी मंदिर जैसा पंडाल बन रहा है। बंगाल के पंडाल निर्माता पार्वती मंडल इसका निर्माण कर रहे हैं। इसके निर्माण में 25 से अधिक कारीगर जुटे हुए हैं। प्रतिमा का निर्माण गोपाल पाल कर रहे हैं। प्रतिमा भी भव्य होगी।
सचिव बबन साहा ने बताया कि भागलपुर में पंडाल निर्माण की प्रथा जुबक संघ ने की थी। जो अनवरत जारी है। पहली बार 1995 में अजंता सिनेमा के समीप मैसूर पैलेस बनाकर इसकी शुरुआत की गयी थी। वर्ष 2000 में जब मां दुर्गा की प्रतिमा मारवाड़ी पाठशाला में बैठने लगी तो यहां बैलूर मठ का पंडाल बनाया गया था। इसके बाद यहां व्हाइट हाउस, दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कर्नाटक विधानसभा, स्वर्ण मंदिर, राम मंदिर, रोम के वेटिकन सिटी पैलेस आदि जैसे पंडाल बनाये जा चुके हैं।
पहली बार 1983 में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी थी
उपसचिव विभू घोष ने बताया कि जुबक संघ की ओर से पहली बार अजंता सिनेमा के समीप 1983 में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी थी। संघ की स्थापना 1958 में हुई थी। पहले मां सरस्वती की पूजा होती थी। उस समय दुर्गा पूजा की शुरुआत अजीत चौधरी, रवींद्रनाथ डे, सपन साहा ने की थी।
चार दिनों तक मां को लगता है भोग
मां दुर्गा को यहां चार दिनों तक भोग लगता है। सप्तमी को खिचड़ी, अष्टमी को खिचड़ी, नवमी को पुलाव व दशमी को चूड़ा-दही का भोग लगेगा। यहां भोग हड़िया में दी जाती है। यहां पूजा बंगाली विधि से होता है।
डॉ. डीपी सिंह अध्यक्ष तो डॉ. शांतनु कार्यकारी अध्यक्ष
जुबक संघ के अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह तो कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. शांतनु हैं। मुख्य आयोजक जगदीश चंद्र मिश्रा हैं। मुख्य संयोजक डॉ. वीरंद्र, डॉ. दिनेश प्रसाद, डॉ. कुमार सुनीत, प्रभात चौधरी, विजय यादव, संतोष, मुख्य संरक्षक प्रवीण सिंह कुशवाहा के अलावा डॉ. मृत्युंजय, डॉ. नीरव, डॉ. आरपी सिंह, डॉ. मनोज चौधरी, डॉ. अंजुम, डॉ. अजय, डॉ. बीके जयसवाल, डॉ. राजीव, डॉ. अरशद, डॉ. बिहारी लाल, साजिद, मुन्ना, अरविंद मंडल, रामदेव साह, अशोक, दिनेश महेशका, डॉ. सतीश, सोनाली बोस, आदित्य घोष आदि शामिल हैं।
● पहली बार 1995 में अजंता सिनेमा के पास बनाया गया था मैसूर पैलेस का पंडाल
● वर्ष 2000 से मारवाड़ी पाठशाला में जुबक संघ की ओर से हो रही पूजा-अर्चना