जयपुर की इस लड़की ने रचा इतिहास, 15 साल की उम्र में कर दिया बड़ा कारनामा, IIM मैनेजमेंट भी हैरान

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सफलता किसी उम्र की मोहताज नहीं होती, अगर इंसान सही दिशा में लगातार मेहनत करे तो वह कामयाब जरूर होता है. इस बात को जयपुर ग्रामीण के किशनगढ़ रेनवाल की रहने वाली विद्योत्तमा विनोद ने चरितार्थ कर दिखाया है. मात्र 15 साल की उम्र में इस लड़की ने आईपीएमएटी की परीक्षा पास की है।

आईपीएमएटी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. विद्योत्तमा आईपीएमएटी परीक्षा पास कर आईआईएम रोहतक में जाने वाली भारत की सबसे कम उम्र की स्टूडेंट है. खास बात यह है कि विद्योत्तमा ने इस परीक्षा की कोई स्पेशल कोचिंग क्लास नहीं ली, बल्कि स्कूलिंग के साथ ही इस कठिन परीक्षा को पास किया है।

गांव से शहर आई फिर पहुंची आईआईएम

आपको बता दें कि इस बार 150 सीटों के लिए आईपीएमएटी एग्जाम में 28 हजार स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया था. इनमें से केवल 800 बच्चों को शॉर्ट लिस्ट किया गया था. इस एग्जाम में बहरीन और ओमान जैसे देशों के स्टूडेंट्स ने भी भाग लिया था. इसके बाद आईआईएम रोहतक ने 800 स्टूडेंट का इंटरव्यू लिया और 150 बच्चों को सेलेक्ट किया. जिसमें विद्योत्तमा विनोद भी शामिल रहीं. विद्योत्तमा विनोद मूलतः जयपुर ग्रामीण के रलावता गांव की रहने वाली है. विद्योत्तमा के पिता विनोद वर्मा सरकारी अध्यापक हैं. उनके काम के चलते पूरे परिवार को गांव छोड़कर किशनगढ़ रेनवाल आना पड़ा. विद्योत्तमा ने अपनी शुरुआती शिक्षा यही से प्राप्त की है. विद्योत्तमा ने मात्र 13 साल की उम्र में दसवीं की परीक्षा पास कर 95 फीसदी अंक प्राप्त की थी. दसवीं के बेहतरीन परिणाम के बाद पिता विनोद वर्मा ने बेटी विद्योत्तमा को जयपुर के टियोलर हाई स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा. इस स्कूल से ही विद्योत्तमा को आईपीएमएटी के बारे में पता चला और वह अब आईआईएम रोहतक पहुंच गई है।

विद्योत्तमा के लिए आईआईएम ने किया सिस्टम अपडेट

विद्योत्तमा विनोद आईआईएम रोहतक की परीक्षा पास करने वाली देश की सबसे कम उम्र की स्टूडेंट है. वह अभी 16 साल की भी नहीं हुई है. आईआईएम रोहतक के कंप्यूटर सिस्टम के अनुसार 16 साल से ऊपर के बच्चे ही आईआईएम रोहतक के लिए फॉर्म भर सकते थे, लेकिन विद्योत्तमा ने मात्र 15 साल की उम्र में ही इस एग्जाम को पास करके आईआईएम को भी हैरान कर दिया है. विद्योत्तमा विनोद के लिए अब आईआईएम अपने कंप्यूटर सिस्टम में बदलाव कर रहा है।

क्या है आईपीएमएटी और आईआईएम

आईपीएमएटी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. आईपीएमएटी की परीक्षा पास करने के बाद आईआईएम संस्थानों में एडमिशन मिलता है. इस परीक्षा में विदेशी स्टूडेंट्स भी भाग लेते हैं. भारत में पांच आईआईएम संस्थान है. इनमें अलग-अलग सीटें होती है. आईआईएम इंदौर और रोहतक देश के टॉप संस्थानों में से एक है. आईआईएम पांच वर्षीय इंटेग्रेटेड प्रोग्राम कोर्स होता है. इसे पूरा करने के बाद स्टूडेंट्स किसी बड़ी कंपनी के मैनेजमेंट हेड बनते हैं और पूरी टीम को लीड करते हैं. उदाहरण के लिए गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और स्टारबक्स के सीईओ लक्ष्मण नरसिम्हन भी आईआईएम से ही निकले हुए हैं।

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