साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम ईडी के गवाह को हास्टाइल (पक्षद्रोही) कराने के केस में एजेंसी के रडार पर आ गए हैं। ईडी ने नौशाद आलम को 22 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। उन्हें दिन के 10.30 बजे तक एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस में उपस्थित होने के लिए कहा गया है। साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन के केस में ही नौशाद आलम को समन किया गया है।
अवैध खनन केस में विजय हांसदा ईडी के मुख्य गवाहों में शामिल था। साहिबगंज पुलिस ने उसे आर्म्स एक्ट के केस में जेल भेजा था, लेकिन बाद में उसे अवैध खनन केस में पैसे के बल पर गवाही से पलटने की बात की पुष्टि हुई। सीबीआई ने भी अपनी जांच में पाया है कि विजय हांसदा के बैंक खाते में कई संदेहास्पद लेन-देन हुए थे। वहीं कैश में भी उसने पैसे लिए। इस पूरे मामले में साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव व एसपी नौशाद आलम की भूमिका प्रमुख रही।
ईडी ने अपने गवाह के कोर्ट में हास्टाइल होने की जांच की तो पाया कि रांची हाईकोर्ट में लाने से लेकर कोर्ट में गवाही कराने तक में नौशाद आलम की भूमिका रही। डीसी व एसपी अपने साथ ही विजय हांसदा को रांची लाए थे। इसी दौरान हाईकोर्ट में विजय हांसदा से ईडी के अफसरों व गवाहों ने बात करने की कोशिश की थी, तब उसने धुर्वा थाने में केस करा दिया था। बाद में पुलिस अफसरों ने इस केस में 164 के तहत विजय हांसदा की गवाही करा ईडी के अधिकारियों को भी एसटी-एसपी धाराओं में आरोपी बना दिया था।