जहां एक ओर पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है, वहीं दूसरी तरफ अनुपमा यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट करते हुए साथी कलाकारों से अपील भी की है.
अनुपमा यादव का छलका दर्द : अनुपमा यादव ने पोस्ट किया कि, 14 अक्टूबर की रात नवादा में मेरे साथ हुई घटना के बाद से मैं बहुत परेशान हूं. नवरात्रि के बाद किसी लड़की के साथ ऐसा करना कहां तक उचित है? हम कलाकार हैं, हमको लोग प्रेम से अपने यहां बुलाते हैं. मगर बुलाने के बाद इस तरह का कार्य कहां तक उचित है?
”ये बात मानना पड़ेगा कि बिहार में जातिवाद बहुत ज्यादा है और वहां ऐसा ही हुआ. मुझे बोला गया कि ये भूमिहार का गांव है. यहां गोली मार देंगे. हालांकि मैं बहुत सारे भूमिहार के गांव में गई हूं, जहां बहुत मान सम्मान मिला है. मगर शर्म आनी चाहिए इन लोगों को, एक तरफ भक्ति का दिखावा करते हैं और दूसरी तरफ एक बेटी के साथ ऐसा करते हैं.”– अनुपमा यादव, भोजपुरी गायिका
‘पता चल गया कि बिहार में दारू बंद है..’ :अनुपमा ने तंज भरे लहजे में लिखा कि, मुझे कल के बाद पता चल गया कि बिहार में दारू बंद है. नशे में इंसान अपने आप को भूल जाता है. मैं सभी कलाकारों से निवेदन करती हूं कि नवादा के क्षेत्र में किसी भी जगह कार्यक्रम करने से पहले वहां के स्थानीय थाने में जरूर बता दें, ताकि फिर किसी भी बहन बेटी के साथ ऐसा ना हो.
”मैंने उस मुखिया अभिनव आनंद, अविनाश व कमेटी के सभी लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. मुझे प्रशासन पर पूरा विश्वास है कि मुझे न्याय जरूर मिलेगा.”– अनुपमा यादव, भोजपुरी गायिका
क्या है पूरा मामला : दरअसल, वारिसलीगंज के नारोमुरार गांव में सोमवार की रात अनुपमा यादव का कार्यक्रम था. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम हो रहा था. पूजा समिति के सदस्यों का कहना था अनुपमा यादव देर से आयीं. 1-2 गाना गाने के बाद थके हाने का नाम कहकर जानें लगीं. इसी को लेकर विवाद हो गया. वहीं अनुपमा यादव का कहना है कि वह रात साढ़े 10 बजे पहुंची और 3.10 में निकलीं.