बिहार में हाल ही में फर्जी आईपीएस अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद अब कैमूर पुलिस ने फर्जी दारोगा और उसके दो साथियों को धर दबोचा है। एसडीपीओ शिव शंकर कुमार ने जानकारी दी कि गिरफ्तार किए गए फर्जी दारोगा की पहचान उत्तर प्रदेश के रामनगर निवासी त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान के रूप में हुई है। उसके साथ दो अन्य आरोपी भी पकड़े गए हैं, जिनमें मिर्जापुर निवासी संदीप कुमार निषाद और वाराणसी निवासी संजय साहनी शामिल हैं।
नकली पुलिस टीम बनाकर करते थे उगाही, हथकड़ी और पिस्तौल दिखाकर धमकाते थे: फर्जी दारोगा और उसके साथियों ने स्विफ्ट डिजायर कार से हाटा बाजार पहुंचकर एक व्यक्ति को पकड़ा और उसे हथकड़ी पहनाकर पुलिस अधिकारी बनकर धमकाने लगे। इन अपराधियों ने खुद को यूपी पुलिस के एक्साइज दारोगा के रूप में पेश किया और पीड़ित से 22,000 रुपये वसूल लिए। इसके बावजूद, उन्होंने और पैसे की मांग की और 20,000 रुपये एक पेमेंट ऐप के जरिए ट्रांसफर कराए। जैसे ही घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को मिली, चैनपुर थाने और डीआईयू की टीम ने मिलकर कार्रवाई की और आरोपियों को गाड़ी सहित धर दबोचा। पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल, 22,000 रुपये नकद, हथकड़ी, रस्सी और अन्य सामान बरामद किया।
कई जिलों में मामले दर्ज, पहले करता था सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी: एसडीपीओ ने बताया कि मुख्य आरोपी त्रिलोकी चौहान उर्फ संजय चौहान पहले सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था, लेकिन धीरे-धीरे वह फर्जी पुलिस अधिकारी बन गया। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर धन उगाही का काम शुरू कर दिया। उसके खिलाफ बनारस के कई थानों में आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें लूट, ठगी और चोरी शामिल हैं। पुलिस ने यह भी बताया कि संजय चौहान कर्मनाशा में किराए के मकान में रहकर आसपास के इलाकों में लोगों से उगाही करता था।
शराब माफियाओं को बनाते थे शिकार, अब खुद बने पुलिस का शिकार: नकली दारोगा का गैंग शराब के धंधेबाजों और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों को अपना शिकार बनाता था। फर्जी पुलिस की आड़ में ये लोग खुलेआम लोगों से पैसे उगाहते थे। पुलिस ने आरोपियों पर कई धाराओं में मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।