बिहार-नेपाल सीमा के रक्सौल बॉर्डर पर अक्सर शराबी मिल जाते हैं, इस इलाके में शराब सेवन का खेल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है,पर शराबी पर कानूनी कार्रवाई का उचित संसाधन नही होने से बिहार सरकार की शराबंदी कानून की धजिया उड़ रहीं हैं। पुुलिस पकड़े गए शराबियों की इस तरीके से जांच करती है कि उस तरीके को देखकर आपकी हंसी छूट जाएगी। ताजा मामला रक्सौल की तरफ से नेपाल से शराब पीकर आ रहे लगभग एक दर्जन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया और सबको लेकर मेडिकल जांच कराने के लिए अनुमंडलीय अस्पताल पहुंची लेकिन वहां जांच करने के उपकरण ही नहीं थे जिससे पता चल पता कि लोगों ने शराब पी है या नहीं। ऐसे में पुलिस ने जांच का जो तरीका अपनाया वो मजेदार था जिसे देखकर हंस पड़ेंगे आप।
अस्पताल में जिस तरह से कर्मी शराबियों की ऐसे जांच कर रहे हैं जिसे देखकर समझ सकते हैं कि शराबबंदी कानून का कितना पालन किया जा रहा है। वीडियो में देख सकते है की रक्सौल अनुमंडलीय अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी रूप किशोर प्रसाद एक पेपर को मोड़ कर शराबी को उसमें फूंकने के लिए बोलते हैं, फिर ड्यूटी पर तैनात डा हिमांशु शेखर को सुंघाते हैं। उस पेपर को सूंघकर फिर मेडिकल रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
प्रभारी ने दिया चौंकाने वाला बयान
रक्सौल पुलिस ने 12 लोगों को शराब सेवन का आरोपी बताया जिसमें से मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद दस को जेल भेजा गया। शराबबंदी कानून के बाद भी शराब मिलना सरकार के।लिए बड़ी चुनौती है, तभी तो शराबी शराब का सेवन कर रहे हैं पर शराब कानून दिखावा साबित हो रहा है। अनोखे रूप से जांच को लेकर प्रभारी डा राजीव रंजन ने चौंकाने वाला बयान दिया जिससे बिहार सरकार के शराब कानून की हकीकत क्या है आप समझ सकते हैं। प्रभारी ने बताया कि जांच का सामान उपलब्ध नहीं है और प्रारम्भिक जांच में ऐसा किया जा सकता है पर हम तो मेडिकल रिपोर्ट केवल पूछ कर ही लिखते हैं।