हाथरस वाले भोलेबाबा का ऐसे चलता है सिक्योरिटी सिस्टम, सामने आए दस्तावेज
उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत हुई. घटना के बाद फरार चल रहा सूरज पाल (नारायन साकार विश्व हरि) ‘भोलेबाबा’ की सही लोकेशन का पता नहीं चल पा रहा है।
हालांकि, भोलेबाबा ने पहले अपने वकील के जरिए मीडिया में एक प्रेस नोट भेजवाया. उसके बाद न्यूज ऐजेंसी के जरिए घटना पर अपना संदेश भी दिया. हादसे में मृतकों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की और जो दोषी हों उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब बाबा के कुछ ऐसे सेवादारों से जुड़े हुए दस्तावेज सामने आए हैं कि भोले बाबा (नारायन साकार हरि) का चाहे कोई भी छोटा या बड़ा सत्संग समागम हो व्यवस्था चाक चौबंद होती थी।
भोलेबाबा के सेवादारों की महिला/पुरुष प्लाटून है. उसको सेक्टर दर सेक्टर जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसमें शामिल लोगों का एक अटेंडेंस रजिस्टर भी होता है और जो अनुपस्थिति होता है, उसकी समीक्षा की जाती है। मुख्य सेवादार उसको ऊपर फारवर्ड करता है. उसके बाद किस कारण से अनुपस्थित है, ये भी उस समीक्षा रिपोर्ट में लिखा जाता जाता है. जो सेवादार अनुपस्थित है, उससे संपर्क करके अनुपस्थित होने की वजह जानने के साथ कार्रवाई भी की जाती है।
लेकिन हाथरस की इस घटना ने बाबा के सारे सिक्योरटी मैनेजमेंट की धज्जियां उड़ा दी हैं। चाहे बाबा हो या उनके फॉलोवर्स, इस घटना में साजिश का अंदेशा जता रहे हैं और जो भी इस घटना में दोषी हो उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हाथरस की घटना के लिए न तो बाबा अपने को दोषी मान रहे हैं और न ही बाबा के भक्त. तो आखिर इन 123 लोगों की मौत का गुनहगार कौन है?
हाथरस में बीते मंगलवार को हुए भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी. पुलिस प्रवचनकर्ता बाबा सूरजपाल के सेवादारों और सत्संग के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच-पड़ताल कर रही है. 6 लोग पहले ही पकड़े जा चुके हैं, अभी तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर जो फरार था, उसे शुक्रवार शाम को गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि, देव प्रकाश मधुकर ही हाथरस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था. इसके साथ ही वह बाबा का खास आदमी भी है. हादसे के बाद बाबा ने उसी से फोन पर काफी देर तक बात की थी।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भगदड़ की घटना के बाद से देवप्रकाश मधुकर घर नहीं लौटा था. उसके परिवार के सदस्य भी लापता हैं। मधुकर के बारे में कहा जाता है कि वह एक समय जूनियर इंजीनियर (JE) था लेकिन बाद में बाबा सूरजपाल का बड़ा भक्त बन गया. देवप्रकाश मधुकर का घर सिकंदरा राऊ इलाके के दामादपुरा की नई कॉलोनी में है।
हाथरस भगदड़ कांड की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया था. जिसने इस मामले में अब तक 90 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. यह जानकारी खुद एसआईटी में शामिल आगरा जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार की दी।
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