संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में लेटरल एंट्री का मामला तूल पकड़ने लगा है। विपक्ष के बाद अब सरकार के मंत्री ही इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे हैं। जो शायद ही बीजेपी को पसंद आए। अब केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने इस एंट्री को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाने की प्लानिंग कर रहे हैं। मामला तब उठा, जब केंद्र सरकार ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी किया। जिसमें 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, उप सचिव के पदों पर लेटरल भर्ती के लिए नागरिकों से आवेदन मांगे गए थे। अब इसके विरोध में चिराग पासवान उतर गए हैं। उनकी पार्टी NDA सरकार में सहयोगी है।
चिराग ने कहा कि उनकी पार्टी इस तरह नियुक्तियों के पक्ष में नहीं है। उसका मानना है कि जब भी सरकारी भर्तियां होती हैं, वहां आरक्षण के प्रावधानों का पालन किया जाना जरूरी है। नया मामला उनके लिए चिंता का विषय है। वे लोग सरकार का हिस्सा हैं, जिनके पास इस मुद्दे को उठाने के लिए मंच भी है। बता दें कि चिराग बिहार की हाजीपुर सीट से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का रुख स्पष्ट है। हम इसके पक्ष में नहीं हैं। यह पूरी तरह गलत है। वे अपनी पार्टी की ओर से इस मामले को सरकार के सामने उठाएंगे।
राहुल गांधी और अखिलेश यादव बोल चुके हमला
बता दें कि कांग्रेस भी मामले में सरकार पर हमलावर है। राहुल गांधी इस मुद्दे को लोकसभा में उठा चुके हैं। वे इसे OBC, दलितों, आदिवासियों के खिलाफ बता चुके हैं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार RSS से जुड़े लोगों को तरजीह दे रही है। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव भी मामले को गंभीर बता चुके हैं। वे इसे पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (PDA) समुदायों के खिलाफ बता चुके हैं। उनका आरोप है कि सरकार उनको आरक्षण अधिकारों और अवसरों से वंचित करना चाहती है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मामले में सरकार का बचाव कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की आलोचना उसका पाखंड दिखा रही है।