कहा जाता है कि विधानसभा चुनाव लड़ना कोई आम बात नहीं है। इन चुनावों में कोई आम या गरीब आदमी तो लड़ने की सोच भी नहीं सकता है। चुनाव प्रचार में लाखों ही नहीं बल्कि करोड़ों रुपए बहाने पड़ते हैं। पैसा पानी की तरह बहता है। जनसभाओं, रैलियों में लाखों रुपए लगते हैं। मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए तमाम जतन करने होते हैं। इसके साथ ही अपने कार्यकर्ताओं को खुश रखने के लिए तमाम काम किए जाते हैं। लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई प्रत्याशी कर्जा लेकर चुनाव लड़ ले और जीत भी जाए।
कमलेश्वर ने कर्जा लेकर लड़ा चुनाव
कहने, सुनने और देखने में तो यह असम्भव सा लग रहा है लेकिन ऐसा सच हुआ है। यह सच करके दिखाया है मध्य प्रदेश की सैलाना विधानसभा सीट से भारतीय आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार कमलेश्वर डोडियार ने। कमलेश्वर ने कर्जा लेकर चुनाव लड़ा और चुनाव में बड़े-बड़े महारथियों को धूल चटाकर विधायक बन गए। कमलेश्वर ने कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हर्ष विजय गहलोत ‘गुड्डू’ को 4618 वोटों से मात दी। कमलेश्वर को जहां 71219 वोट मिले तो वहीं उनके निकटतम प्रत्याशी को केवल 66601 वोट ही मिल सके।
अब कर्जा चुकाने के लिए जुटा रहे चंदा
अब कमलेश्वर विधायक तो बन गए हैं लेकिन चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने जो कर्जा लिया था, उसे चुकाने की बारी है। इसे चुकाने के लिए वह पिछले कई दिनों से अपने क्षेत्रवासियों से मदद करने की गुहार लगा रहे हैं। वह कई सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं, जहां वह अपील कर रहे हैं कि जनता उनका कर्जा चुकाने में आर्थिक मदद करे। बता दें कि कमलेश्वर ने दावा किया है कि चुनाव में उन्होंने 12 लाख रुपए का खर्चा किया और यह सब कर्जे की रकम है।