क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में लंबा संघर्ष किया है। उनके रिकॉर्डस खुद बा खुद उनके क्रिकेट के भगवान बनने की कहानी बयां करते हैं। लेकिन सचिन तेंदुलकर के करियर में कई लोगों का अहम योगदान रहा है। चाहें वो उनके भाई अजित तेंदुलकर हो या फिर उनके कोच रमाकांत आचरेकर। एक ने सचिन को क्रिकेट की दुनिया में उतारा तो दूसरे ने सचिन को क्रिकेट में निखारा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन को विश्व क्रिकेट से किसने परिचित कराया था और कैसे उन्हें पहली बार टीम इंडिया में एंट्री मिली थी।
राज सिंह डूंगरपुर ने सचिन को टीम इंडिया में चुना था
राज सिंह डूंगरपुर वह शख्सियत थे जिन्होंने पहली बार सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया में चुना था। डूंगरपुर ने 16 साल तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला था और वह बीसीसीआई से से लंबे समय तक जुड़े रहे थे। राज सिंह डूंगरपुर दो बार टीम इंडिया के चयनकर्ता भी बने थे। उन्होंने ही सबसे पहले 16 साल की उम्र में सचिन तेंदुलकर को टीम इंडिया में एंट्री दिलाई थी। जिसके बाद सचिन का सिक्का विश्व क्रिकेट में ऐसा चला था कि लोग आज उन्हें क्रिकेट का भगवान कहते हैं।
डूंगरपुर ने सचिन के लिए बदले थे नियम
राज सिंह डूंगरपुर ने सचिन की प्रतिभा को पहचान लिया था। ऐसे में उन्होंने सचिन के लिए नियम भी बदल दिए थे। खुद सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वह 14 साल के थे, तब राज सिंह डूंगरपुर ने उन्हें सीसीआई के ड्रेसिंग रूम में एंट्री दिलाने के लिए नियम बदल दिए थे, जिससे उन्हें ड्रेसिंग रूम में जाने का मौका मिला था। 1989-90 में जब टीम इंडिया का पाकिस्तान दौरे के लिए चयन हो रहा था। तब डूंगरपुर ने सचिन के नाम का प्रस्ताव रखा और उन्हें टीम इंडिया में एंट्री दिलाई।
इंग्लैंड में की थी व्यवस्था
सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट की शुरुआत तो कर दी थी। लेकिन विश्व में क्रिकेट कैसे चलता है यह डूंगरपुर ने उन्हें बताया था। सचिन जब इंग्लैंड गए थे, तब डूंगरपुर ने ही इंग्लैंड में उनकी ट्रेनिंग के लिए प्रायोजकी की व्यवस्था की थी। जिससे सचिन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को करीब से जाना था।
सचिन को किया था मोडिवेट
सचिन ने खुद एक बार बताया था वह रणजी ट्रॉफी में शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे। तभी वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया का चयन किया जा रहा था। सचिन को उम्मीद थी कि उन्हें भी मौका मिलेगा। लेकिन डूंगरपुर ने उन्हें बताया कि विंडीज दौरे के लिए उनका चयन नहीं किया जा रहा है। इसलिए वह रणजी के सेमीफाइनल और फाइनल पर अपना फोकस करें। क्योंकि वह घरेलू क्रिकेट में जितना अच्छा खेलेंगे, उसका एक दिन उन्हें लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें एक दिन टीम इंडिया में एंट्री जरूर मिलेगी। जिसके बाद नवंबर में उसी साल सचिन को टीम इंडिया में शामिल कर लिया गया था।
इन खिलाड़ियों को भी दिया मौका
राज सिंह डूंगरपुर को राजभाई के नाम से जाना जाता था। उन्होंने केवल सचिन तेंदुलकर ही नहीं बल्कि टीम इंडिया को कई शानदार खिलाड़ी दिए। उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को टीम में शामिल किया था। इसके अलावा मोहम्मद अजहरुद्दीन को कप्तान बनाने का फैसला भी डूंगरपुर ने ही किया था।
12 सितंबर 2009 को उनका निधन हुआ था। लेकिन भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाता है। डूंगरपुर ने अपने करियर में 86 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने 206 विकेट लिए थे। इसके अलावा उन्होंने रणजी ट्रॉफी में भी 21 विकेट निकाले थे।