साल 2020 के विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए 2025 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी आरजेडी के साथ गठबंधन में इस बार ज्यादा सीटें लेने की बजाय जीतने वाली सीट लेने पर फोकस करेगी। इस संबंध में कांग्रेस की तरफ से विशेष रणनीति पर विचार किया जा रहा है।
कांग्रेस आलाकमान ने राज्य के नेताओं से शुरू की रायशुमारी
कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य के तमाम नेताओं से कौन सी सीट आरजेडी से कांग्रेस को लेनी चाहिए। इसके लिए राय शुमारी शुरू कर दी है। लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर आरजेडी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है।
बिहार के नेताओं के साथ मीटिंग करेगा केंद्रीय नेतृत्व
सूत्रों की माने तो जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व बिहार के नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक करेगा, जिसके बाद औपचारिक तौर पर आरजेडी के साथ बातचीत शुरू की जाएगी। बिहार के नेताओं के साथ होने वाली बैठक का समय अभी तय नहीं किया गया है।
पिछली गलती नहीं दोहराएगी कांग्रेस
कांग्रेस का मानना है कि पिछले बार राजद ने कांग्रेस को हारने वाली ज्यादातर सीटें दी थी, जिससे कांग्रेस का स्ट्राइक रेट विधान सभा चुनाव में खराब रहा। लिहाजा कांग्रेस वो गलती 2025 के विधानसभा चुनाव में दोहराना नहीं चाहती। नालंदा, पटना, खगड़िया, वेस्ट चंपारण और गोपाल गंज, गया जिले की कई सीट कांग्रेस को दे दी गईं, जहां पर जातीय समीकरण आरजेडी के पक्ष में नहीं थी। हालांकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 9 में से 3 सीट जीत दर्ज की और विधानसभा में नालंदा, गोपालगंज जैसी सीट आरजेडी के खाते के गई।
पिछले चुनाव में महागठबंधन का प्रदर्शन
गौरतलब है कि पिछली विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन जीत 19 सीटों पर ही मिली थी। आरजेडी ने 144 सीट में से 72 सीटों पर जीत दर्ज की थी। लेफ्ट पार्टियां 29 सीटों पर लड़ी थीं जिनमें से 16 पर जीत मिली थी।
- आरजेडी 144 सीट पर लड़कर 72 जीती
- कांग्रेस 70 पर लड़कर 19 जीती
- लेफ्ट पार्टियां 29 सीटों पर लड़कर 16 जीती